दिल्ली:
भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने भारत बायोटेक को इंट्रानैसल बूस्टर डोज (intranasal booster dose) के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दी है। मिली जानकारी के मुताबिक भारत बायोटेक 9 अलग-अलग स्थानों पर इंट्रानैसल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल (clinical trial) करेगी। भारत बायोटेक ने बताया कि बूस्टर डोज का ट्रायल कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाने वाले लोगों पर किया जाएगा।
किन लोगों पर किया जाएगा टीकाकरण
भारत बायोटेक (bharat biotech) ने उन लोगों के लिए बूस्टर डोज लगाने का प्रस्ताव दिया है जिनको कोविशील्ड (Covishield) अथवा कोवैक्सीन (Covaccine) का टीका दिया जा चुका है। फार्मास्युटिकल कंपनी (pharmaceutical company) ने 5 हजार लोगों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल करने का लक्ष्य तय किया है। इंट्रानैसल बूस्टर डोज का क्लिनिकल ट्रायल 50 फीसदी कोविशील्ड वालों और 50 फीसदी कोवैक्सीन वालों पर किया जायेगा। दूसरे और तीसरे डोज के बीच छह महीने का गैप रखा जा सकता है।
क्या है इंट्रानैसल बूस्टर डोज, क्या है महत्व!
सवाल है कि ये इंट्रानैसल बूस्टर डोज क्या है। नोवेल एडेनोवायरस वेक्टर पर आधारित BBV154 कोविड-19 के खिलाफ एक इंट्रानैसल वैक्सीन है, जो IGG म्यूकोसल IGA और टील सेल रिस्पॉंस को बेअसर करने के लिए इम्युन सिस्टम को तैयार करती है। ये नोवल कोरोना वाय.रस के संक्रमण को फैलने देने से रोकने में कारगत है। ये टीका मुक्त है। चोट और संक्रमण का खतरा भी नहीं है।
16 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था टीकाकरण
गौरतलब है कि भारत में वैक्सीनेशन ड्राइव (vaccination drive) की शुरुआत 16 जनवरी 2021 से की गई थी। 1 मई 2021 से पीएम ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के टीकाकरण की घोषणा की। ये भी एलान किया कि नागरिकों का मुफ्त टीकाकरण होगा। 3 जनवरी 2022 से 15 वर्ष से अधिक आयु के सभी किशोरों का टीकाकरण शुरू किया गया।