द फॉलोअप डेस्क
अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वाम नेता वृंदा करात शामिल नहीं होंगी। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन अगले साल 22 जनवरी को होना है। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होनी है। इसके लिए विपक्षी दलों को समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा जा रहा है। इस बीच सीपीआई (एम) के नेता करात ने कहा कि राम और धर्म को लेकर पार्टी की अपनी समझ और दर्शन है। कहा, हम धार्मिक भावना का सम्मान करते हैं। लेकिन हम 22 जनवरी के समारोह से दूरी बनाकर रखेंगे।
क्या कहा करात ने
करात ने कहा कि एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश होने के नाते हम भारत के सभी धर्मों का सम्मान और आदर करते हैं। किसी की आस्था को किसी भी सूरत में आहत नहीं किया सकता। ऐसा करना भारतीय वाम दर्शन के साथ खिलवाड़ करना होगा। लेकिन हम धर्म को राजनीति से जोड़ने के खिलाफ हैं। कहा कि बीजेपी ने धर्म का इस्तेमाल सत्ता में अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए किया है। वाम दल बीजेपी की इस नीति का विरोध करते हैं। इसलिए हमारी पार्टी प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाकर रखेगी।
कपिल सिब्बल भी कर चुके हैं इनकार
खबर है कि कांग्रेस भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह से दूरी बनाकर रखने वाली है। हालांकि खबरें आ रही हैं कि पार्टी की सोनिया और राहुल गांधी को 22 जनवरी को आमंत्रित किया गया है। इस बारे में जब कपिल सिब्बल से पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह पूरा मुद्दा दिखावा है। बीजेपी के लोग राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन उनका व्यवहार, उनका चरित्र कहीं भी भगवान राम के करीब नहीं ठहरता है। वहीं, अयोध्या जाने के सवाल पर उन्होंने साफ तौर पर कुछ भी बोलने से इनकार किया।