रांची
‘मैं हूं झारखंड’ पुस्तक के लेखक देव कुमार ने सूबे के मुख्य सचिव (CS) सुखदेव सिंह को पत्र में लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि किसी भी राज्य के आंकड़े विकास का सूचक होते हैं। भारतीय संविधान की मूल भावना के अनुसार, सरकार का डेटा लोगों का, लोगों द्वारा एवं लोगों के लिए होना चाहिये। सरकार के आंकडों पर पर निवेशकों, झारखंड की जनता विशेषकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों छात्र-छात्राओं की नजर टिकी रहती है। लेकिन निम्न बेसिक आंकड़ों एवं तथ्यों से स्पष्ट होता है कि इसमें सुधार की आवश्यकता है। जिससे सरकारी आंकड़ों पर लोगों की विश्वसनीयता बनी रहे-
1. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार झारखंड राज्य में कुल प्रखंडों की संख्या 264 है। राज्य के 264 वें प्रखंड सरयू (जिला-लातेहार) में विगत वर्ष ही पंचायत चुनाव संपन्न कराया गया था। लेकिन प्रखंड सृजन के वर्षों बाद भी लातेहार जिला प्रशासन के अधिकृत वेबसाइट www.latehar.nic.in में सरयू प्रखंड का उल्लेख नहीं है।
2. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार PVTG पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वालंबन पेंशन योजना की मासिक राशि 600 रुपये है जबकि संबंधित पेंशन की राशि विगत कई वर्षों से 1,000 रुपये देय है।
3. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 (पृष्ठ संख्या-526) के अनुसार, सरहुल त्योहार में भगवान राम की पत्नि सीता की पूजा धरती माता के रूप में की जाती है। हम सभी देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं लेकिन यह तथ्य निराधार है।
4. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, झारखंड राज्य में नगर निगम की संख्या 12, नगर परिषद की संख्या 21 एवं नगर पंचायत की संख्या 21 है जबकि वास्तविक स्थिति के अनुसार नगर निगम की संख्या 9,नगर परिषद की संख्या 20 एवं नगर पंचायत की संख्या 20 है।
5. झारखंड सरकार के अधिकृत वेबसाइट www.udhd.jharkhand.gov.in के अनुसार, मेदिनीनगर नगर निगम की स्थापना 1868 में हुई थी जबकि मेदिनीनगर नगर निगम की स्थापना 1 अगस्त, 2017 को हुई थी।
6. झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 (पृष्ठ संख्या 468) के अनुसार, जनगणना-2011 के आधार पर संथाल जनजाति की जनसंख्या 34% है जनगणना-2011 के अनुसार संथाल जनजाति की जनसंख्या 27,54,723 एवं झारखंड राज्य की कुल जनसंख्या 86,45,042 है जिससे स्पष्ट है कि संथाल जनजाति की जनसंख्या 31.86% है। इसी प्रकार,अन्य जनजातियों के तथ्यों में भी त्रुटि है।
7. झारखंड सरकार के अधिकृत वेबसाइट www.jhpolice.gov.in के अनुसार,सरायकेला-खरसावां जिला की स्थापना 1 अप्रैल,2001 को हुई थी जबकि प्रतिष्ठित अखबारों द्वारा ससमय प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल को स्थापना वर्ष मनायी जाती है। साथ ही,जिला प्रशासन के अधिकृत वेबसाइट www.saraikela.nic.in में जिला की स्थापना तिथि का उल्लेख नहीं है।
8. भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2021 के अनुसार झारखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल 79,716 वर्ग किमी0 है एवं सभी 24 जिला प्रशासन के अधिकृत वेबसाइट (उदहारण के लिये, प0 सिंहभूम जिला के अधिकृत वेबसाइट www.chaibasa.nic.in के अनुसार जिला का क्षेत्रफल 5291.02 वर्ग किमी) से प्राप्त जिलों के क्षेत्रफल का योग लगभग 79,716 वर्ग किमी होनी चाहिये। लेकिन वेबसाइट के अनुसार 24 जिलों के क्षेत्रफल का योग मात्र 77,748.35 वर्ग किमी है जो निराधार है।
देव कुमार ने कहा है कि कई वर्षों के JPSC एवं JSSC परीक्षाओं में सरकारी आंकड़ों से प्रश्न पूछे गये हैं। लेकिन निराधार आंकड़ों के कारण लाखों छात्र-छात्राओं को खामियाजा भुगतना पड़ता है। अतः उपरोक्त सांकेतिक आंकड़ों को आधार मानते हुए उचित सहयोग करने की कृपा की जाये। ताकि झारखंड सरकार के आंकड़ों पर विश्वसनीयता बनी रहे।
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