रांची
छात्र नेता एस अली ने आज जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के विरोध में आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा की है। अली ने कहा कि सरकार और पुलिस को शांतिपूर्ण आंदोलन का अवसर छात्रों को देनी चाहिए घटना निंदनीय और शर्मनाक अगर छात्रों पर एफआईआर हुए है तो वापस लिया जाना चाहिए। सीजीएल का मामला हाईकोर्ट में है और सुनवाई होनी है तो फिर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को जल्दबाजी में रिजल्ट जारी करने कि जरूरत क्यों पड़ गई।
विधानसभा सत्र के दौरान सीजीएल परीक्षा परिणाम के खिलाफ विधायक का धरने और सदन में आवाज उठाने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी द्वारा सीआईडी जांच का आदेश दिया गया। इधर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सीआईडी जांच को दरकिनार कर अभियार्थियों को सर्टिफिकेट जांच के लिए बुलाना समझ से परे है। कम से कम सीआईडी जांच रिपोर्ट तो आने दिए होते। ऐसा लगता है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग फंसने के डर से और पैसे पैरवी वालों को लाभ पहुंचाने के लिए तो जल्दबाजी तो नही दिखा रहा है।