द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की मंजूरी मिल गई है। शीतकालीन सत्र का आगाज 15 दिसंबर से होगा। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा कैबिनेट के निर्णय को राजभवन में मंजूरी के लिए बेजा गया था। राज्यपाल ने सत्र बुलाने की मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि अब 7 दिसंबर को आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। वहां मंजूरी मिलने के बाद अंतिम शेड्यूल जारी होगा।
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा। कुल 6 कार्यदिवस होंगे। हेमंत सोरेन सरकार इसमें वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने वाली है। कई पुराने विधेयकों को दोबारा सदन में पेश किया जाएगा।
इन विधेयकों को दोबारा पेश करेगी सरकार
गौरतलब है कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने स्थानीयता विधेयक को दूसरी बार वापस कर दिया है। हेमंत सरकार उसे फिर सदन में ला सकती है। ओबीसी आरक्षण बिल को भी राजभवन की मंजूरी नहीं मिली है। सरकार इसे भी दोबारा पेश कर सकती है। जानने योग्य बात यह भी है कि हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र होगा जिसमें नेता प्रतिपक्ष भी होगा। अक्टूबर में बीजेपी ने अमर बाउरी को विधायक दल का नेता बनाया था। फिर उन्हें स्पीकर रवींद्रनाथ महतो की ओर से नेता प्रतिपक्ष के रूप में मंजूरी दी गई।
शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार
झारखंड विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार होगा। दरअसल, अब राज्य विधानसभा चुनाव में 1 साल से भी कम समय बचा है। लोकसभा चुनाव में कुछ महीने ही बचे हैं। बीजेपी, सरकार को रोजगार, विधि-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मसले पर घेरने का प्रयास करेगी।