रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant soren) से जुड़े ED प्रकरण पर आज राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने कहा कि आखिर लॉ एंड ऑर्डर क्यों बिगड़ेगा। कहा, ED अपना अपना काम कर रही है। इसमें लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की बात कहां से आ जाती है। कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक समय में एसआईटी के सवालों का सामना कर चुके हैं। उन्होंने हेमंत सोरेन का नाम लिये बिना कहा कि अगर आप जन नेता बनना चाहते हैं, तो आपमें सवालों का सामना करने का साहस होना चाहिये। ED की कार्रवाई पर उन्होने कहा कि इसमें लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने जैसी कोई बात नहीं है। जनता आखिर क्यों गुस्सा होगी। देश के लोकतंत्र में इन बातों के लिए स्थान नहीं है। कोई भी नेता या व्यक्ति देश के कानून से उपर कैसे हो सकता है। राज्यपाल ICFAI के दीक्षांत समारोह के बीच पत्रकारों से बात कर रहे थे।
झामुमो ने ED को दी है चेतावनी
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि उसकी कार्रवाई से झारखंड की जनता में आक्रोश है। यदि उन्होंने चेतावनी समझने में देरी की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने ये बातें कहीं,। कहा कि चुनावी वर्ष 2024 में 3-6 माह का समय काफी अहम है। राजनीतिक दल अपनी उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करते हैं। मई महीने तक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे ठीक पहले राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई कई सवाल खड़े करती है।
ED की कार्रवाइयों को सार्वजनिक करने का आरोप
झामुमो ने ED को निशाने पर लेते हुए पूछा है कि आखिर की ED की कार्रवाई जनता के बीच कैसे पहुंच जाती है। मोर्चा ने जांच एजेंसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ED कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और इसे एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार को बदनाम करने की कोशिश बताया। वहीं, कांग्रसे के बंधु तिर्की ने कहा है कि अगर झारखंड के आदिवासियों को ED पर गुस्सा आ गया तो, जांच एजेंसी कहीं नहीं टिकेगी। वहीं ED की कार्रवाइयों के खिलाफ आज यानी 17 दिसंबर को साहिबगंज बंद बुलाकर भी विरोध दर्ज किया गया है।