द फॉलोअप डेस्क, रांची:
साहिबगंज स्थित नींबू पहाड़ में अवैध खनन की सीबीआई जांच पर झारखंड हाईकोर्ट द्वारा अगले आदेश तक रोक लगाने के बाद जिले में 1250 करोड़ रुपये के खनन घोटाला केस में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे साहिबगंज उपायुक्त रामनिवास यादव और सीएम के सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू सहित अन्य को राहत मिल सकती है। दरअसल, ईडी ने उसी प्राथमिकी के आधार पर ईसीआर दर्ज किया था जिस मामले में सीबीआई केस दर्ज कर जांच कर रही थी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की थी। तर्क दिया था कि राज्य की सहमति और हाईकोर्ट के निर्देश के बिना ही एजेंसी मामले की जांच कर रही थी। राज्य सरकार ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस बात की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था कि विजय हांसदा अपनी याचिका क्यों वापस लेने का आग्रह कर रहे हैं, न कि वहां अवैध खनन की जांच का। मामले की अगली सुनवाई अब 9 फरवरी को होगी। तब तक कुछ लोगों को राहत मिल सकती है।
विजय हांसदा ने साहिबगंज में दर्ज कराया था केस
बता दें कि नींबू पहाड़ में अवैध खनन की शिकायत विजय हांसदा ने साहिबगंज के एससी-एसटी थाना में दर्ज कराया था। विजय हांसदा ने सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ यह आरोप लगाया था कि जब उसने नींबू पहाड़ में अवैध खनन रोकने को कहा तो उसे जातिसूचक गालियां देते हुए उसके साथ मारपीट की गई। दिसंबर 2022 में यह केस दर्ज किया गया था। विजय हांसदा ने बाद में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और मामले की सीबीआई जांच का आग्रह किया। हालांकि, कुछ समय बाद विजय हांसदा ने हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने का आग्रह किया। तब हाईकोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि जांच करिए कि आखिरकार विजय हांसदा अपनी याचिका वापस क्यों लेना चाहता है और नींबू पहाड़ की वस्तुस्थिति क्या है।
हाईकोर्ट के कथन पर सीबीआई ने जांच की और पाया कि वहां विस्तृत पड़ताल करने लायक बहुत सारी बाते हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट से मामले में केस दर्ज करने की अनुमति मांगी लेकिन कोर्ट ने कहा कि मैं क्यों कोई आदेश जारी करूं? यदि आपको लगता है तो आप अपने स्तर से जांच करिए।
सीबीआई ने 20 नवंबर 2023 को केस दर्ज किया और जांच शुरू की।
सीबीआई जांच के खिलाफ पंकज मिश्रा सुप्रीम कोर्ट गये थे
इस बीच पंकज मिश्रा ने भी नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की सीबीआई जांच रुकवाने का आग्रह करते हुए याचिका दाखिल किया लेकिन यह खारिज कर दी गई। इधर, राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कहा कि सीबीआई ने राज्य सरकार से केस दर्ज करने के लिए सहमति नहीं ली। हाईकोर्ट का भी निर्देश नहीं लिया। राज्य सरकार की सुनवाई पर शुक्रवार को जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट में वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन और पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा वहीं सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल कुमार ने बहस की।
हाईकोर्ट में जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने लगाई रोक
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की सीबीआई जांच पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को निर्धारित की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकती है। राज्य सरकार ये तर्क देगी कि जिस मामले की जांच से हाईकोर्ट ने सीबीआई को तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से रोका है, उसी मामले की जांच एक अन्य एजेंसी ईडी कर रही है। ईडी ने भी उसी प्राथमिकी के आधार पर ईसीआर दर्ज किया है जिस प्राथमिकी पर सीबीआई ने पीई दर्ज किया था। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट से ईडी जांच पर रोक लगाने की मांग कर सकती है। ऐसे में कम से कम 9 फरवरी तक कुछ चर्चित चेहरों को राहत मिलने की उम्मीद है।