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साहिबगंज के बरहेट में आज 5 ठिकानों पर हुई छापेमारी के पीछे की क्या है वजह, जानिए 

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द फॉलोअप डेस्कः 

सीबीआई की टीम आज साहिबगंज जिले के बरहेट में छापेमारी करने पहुंची थी। यह छापेमारी दुमका जिले के शिकारीपाड़ा स्टेट बैंक शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर मनोज कुमार के द्वारा 2 करोड़ 54 लाख रुपए किए गए घोटाले से जुड़ी हुई है। सीबीआई भ्रष्टाचार निरोधी शाखा की टीम आज बरहेट में एक सीएसपी व 4 बिचौलियों के घर सहित कुल 5 स्थानों पर छापेमारी करने पहुंची थी, क्योंकि मनोज कुमार 2016 से लेकर 2018 तक में बरहेट स्टेट बैंक शाखा में फील्ड अफसर के रूप में कार्यरत थे। वह मूल रूप से साहिबगंज के साक्षरता चौक के रहने वाले हैं। पुलिस द्वारा उन्हें पकड़े जाने पर उन्होंने राजमहल विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात कही थी। इस मामले को सीबीआई ने टेकओवर किया और मामले की जांच शुरू की। 2 जनवरी 2024 को  सीबीआई की टीम ने धनबाद विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।  उसके बाद सीबीआई की जांच आगे बढाते हुए आज बरहेट में 5 स्थानों पर छापा मारा है। जहां पर एक सीएसपी में करोड़ों का संदिग्ध ट्रांजैक्शन सीबीआई के हाथ लगे हैं। 


 

लाखों के संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर सीबीआई की रेड

जानकारी के अनुसार साहिबगंज के बरहेट सीएसपी से लाखों के संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसमें कई लोगों की अहम भूमिका है। बताया जा रहा है कि बरहेट बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक के समीप स्थित बबीता कुमारी (पति दीपक ठाकुर) का सीएसपी एवं उसके बरहेट बाजार स्थित घर, पेटखस्सा के मनोज दास का घर, डुमरिया के मोहरम अंसारी एवं भागाबांध के कुरबान अंसारी के घर पर सीबीआई की टीम ने रेड की है।

इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी
सीबीआई ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार, बार सेक्रेटरी मालपुर पीपुल रूलर डेवलपमेंट सोसाइटी मरघट साउथ 24 परगना पश्चिम बंगाल निवासी बलराम, धीरज मंडल, मेसर्स उसथी नेटिव लैंड डेवलपमेंट के सचिव बंगाल निवासी मोहम्मद शहीदुल्लाह मौला, मेसर्स फेयर फाइनेंस के मालिक पश्चिम बंगाल निवासी दिनेश दास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। सभी पर एकमत होकर आपराधिक षड्यंत्र व जालसाजी कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दो करोड़ 54 लाख 3,761 रुपए का चूना लगाने का आरोप है। 


रीजनल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था 
सीबीआई ने 27 जनवरी 2023 को शिकारीपाड़ा ब्रांच के मैनेजर मनोज कुमार के विरुद्ध एसबीआई के रीजनल मैनेजर नितेश आनंद की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप पत्र में सीबीआई ने दावा किया है कि आरोपियों ने फर्जी तरीके से कुल 440 सेविंग, करेंट, केसीसी व पेंशन अकाउंट खोले। इन खातों में पांच लाख रुपए की लिमिट से अधिक रुपए का लेनदेन किया गया।