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Khunti : डायन बताकर 2 परिवारों का ग्रामीणों ने किया सामाजिक बहिष्कार, पानी लेने पर भी रोक

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रांचीः 
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग अंधविश्वास में जी रहे हैं। किसी तरह का संकट आने पर लोग ओझा का सहारा लेते हैं, ओझा किसी भी महिला को डायन कह देता है उसके बाद उस महिला का या तो गांव वाले बहिष्कार  कर देते हैं या फिर हत्या कर दी जाती है। इन दिनों ऐसा मामला ज्यादा देखने को मिल रहा है। पांचपरगना बुंडू थाना क्षेत्र के हेसादाग गाँव में दो परिवारों को डायन-बिसाही का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने सामाजिक वहिष्कार कर दिया है। सार्वजनिक स्थल से पानी लेने के लिए भी मना कर दिया गया है। गांव का कोई भी व्यक्ति इन परिवारों से बात नहीं कर रहा है। पीड़ित परिवार में छूटू मुंडा के परिवार और दुर्गा मुंडा के परिवार शामिल है। पीड़ित परिवारों ने बुंडू थाने में शिकायत दर्ज करायी है। जिसके बाद पुलिस 6 सितंबर मंगलवार को हेसादाग गांव पहुंची और पीड़ित परिजन और गांव वाले को थाना बुलाया। 


ओझा ने लगाया आरोप 
छूटू मुंडा की पत्नी का कहना है कि सभी गांव के लोग अपने-अपने घर से चावल लेकर ओझा के पास गये थे। ओझा ने छूटू मुंडा के परिजनों को डायन होने की बात बता दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने बैठक कर छोटू मुंडा के परिजनों को खस्सी दंडित कर माफ कर दिया। कुछ साल के बाद फिर ग्रामीण के बीमार होने पर फिर ओझा के पास गये तो ओझा छोटू मुंडा के परिजनों को डायन बता दिया। इसके बाद ग्रामीण सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। हेसादाग गाँव के एक और परिवार दुर्गा मुंडा ने बताया है कि उनके परिवारों को भी ग्रामीणों ने डायन बताकर सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। बैठकी का उनके पास प्रमाण है।

 

7 माह से कर रखा है बहिष्कार 
दुर्गा मुंडा के अनुसार 7 माह से अधिक समय से गांव वाले सामूहिक बहिष्कार कर रखा है। मामले को लेकर बुंडू पुलिस में शिकायत की गई है। पीड़ित परिजन और गांववाले को 7 सितंबर को थाना बुलाया है। ग्रामीण पुलिस की कारवाई से बचने का प्रयास में हैं। गांव वाले कहते हैं छूटू मुंडा और दुर्गा मुंडा के परिजन खुद डायन होने की बात कहते हैं।