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आदिवासी संगठनों ने झारखंड बंद स्थगित किया, बोले- अनहोनी हुई तो राष्ट्रपति शासन...

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाए गये झारखंड बंद के ऐलान को वापस ले लिया गया है। आदिवासी संगठनों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए बंद को स्थगित किया जाता है। आदिवासी संगठनों ने तर्क दिया है कि यदि हम बंदी के लिए सड़क पर निकले और किसी प्रकार की अनहोनी हो गई तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगा दिया जायेगा। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यही चाहता है। इसलिए हम बंद का ऐलान वापस लेते हैं। 

आदिवासी संगठनों ने आम नागरिकों से अपील की है कि जब तक नए मुख्यमंत्री शपथ नहीं लेते तब तक हमें सयंम बनाकर रहना होगा। 

हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद किया था ऐलान
गौरतलब है कि बुधवार देर शाम ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिऱफ्तारी के बाद आदिवासी संगठनों ने बंद का ऐलान किया था। आदिवासी संगठन से जुड़े युवा नेता शशि पन्ना ने कहा था कि हमारे नेता को दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के तहत झूठे केस में गिरफ्तार कर लिया गया। बीजेपी और केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ हम सड़क पर उतरेंगे। बंदी का आह्वान करेंगे। बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड बंद के कार्यक्रम से पहले ही खुद को अलग कर लिया था। अब इसे वापस ले लिया गया है।