द फॉलोअप टीम
संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को संसदीय पैनल ने 31 अक्टूबर को तलब किया है। वहीं पैनल के सदस्य कुछ सांसदों ने मोइत्रा का बचाव किया है। उनका कहना है कि सांसद को पैनल के समक्ष तभी बुलाया जाना चाहिये जब सांसद दिल्ली में मौजूद हों। इससे पहले इसी मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई पैनल के समक्ष गवाही दे चुके हैं।
लोकसभा की एथिक्स कमेटी कर रही मामले की पड़ताल
बता दें कि संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का ये मामला बीजेपी विधायक निशिकांत दुबे ने उठाया है। दुबे के आरोपों की पड़ताल लोकसभा की एथिक्स कमेटी कर रही है। दरअसल सासंद दुबे ने इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायती पत्र लिखा था। अपने पत्र में उन्होंने वकील जय अनंत की ओर से उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों का हवाला दिया है। इन दस्तावेज में कहा गया है कि सासंद मोइत्रा ने लोकसभा की अपनी अधिकारिक वेबसाइट के क्रेडेंशियल कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर किये। ताकि कारोबारी सीधे तौर पर अपने सवाल पोस्ट कर सकें। सांसद दुबे ने लोकसभा अघ्यक्ष को ये पत्र 15 अक्टूबर को लिखा है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद दुबे ने एक ट्वीट के जरिये ये कहा था कि टीएमसी सांसद की संसदीय मेल आईडी दुबई में खोली गयी। जबकि वे उस समय भारत में थी। दुबे के मुताबिक NIC ने इसकी जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है। हालांकि ट्विट में उन्होंने महुआ मोइत्रा का नाम नहीं लिया। सांसद निशिकांत दुबे टीएमसी सांसद मोइत्रा पर आरोप लगाया कि वे अक्सर प्रधानमंत्री औऱ अडानी ग्रुप की आलोचना संसद में करती रहती हैं। दुबे की इन्हीं शिकायतों की पड़ताल लोकसभा की एथिक्स समिति कर रही है। समिति ने दुबे को 26 अक्टूबर को सशरीर उपस्थित होकर मौखिक रूप से शिकायज दर्ज कराने का आदेश भी जारी किया था।
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