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इस महीने सत्ता पक्ष और विपक्ष की बदलेगी सूरत, "कहीं खुशी तो कहीं गम" आएगी नजर

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में इसी माह यानि जून में ही राज्य सरकार से लेकर विपक्ष की सूरत बदली-बदली नजर आएगी। किसी की कुर्सी खिसकेगी तो किसी के सिर पर ताज सजेगा। मतलब झारखंड की राजनीति में जून का महीना कहीं खुशी तो कहीं गमका रहने वाला है। क्या-क्या फेरबदल होने हैं ये सत्ता पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेताओं को पता है। वर्ष 2024 के रण से पहले ही सभी पार्टियां अपने नफा-नुकसान का आंकलन कर अपने तीरकश में तीर-कमान तैयार कर रही है। इधर, पार्टियों के सिपाहसलार भी पूरी तरह रेस में है। सभी अपनी-अपनी जगह सेटिंग करने में जुटे हैं। अब किसका निशाना अचूक बैठता है कौन अपने मिशन में होता है फेल, यह तस्वीर आने वाले कुछ दिनों में साफ हो जाएगी।

कांग्रेस कोटे के तीन मंत्रियों की हो सकती है छुट्‌टी
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को छोड़कर बाकी मंत्रियों को हटाया जा सकता है। मंत्रियों का बदले जाने की चर्चा तो बीते कई महीनों से हो रही है। लेकिन इस महीने इस पर मुहर लगने की उम्मीद है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री रामेश्वर उरांव की कुर्सी हिल  सकती है। उनकी जगह पलामू प्रमंडल से आने वाले मनिका विधायक रामचंद्र सिंह काबिज हो सकते हैं। वहीं, पार्टी एक सीट क्रिश्चियन कोटे से भी एक मंत्री देना चाहती है। इसमें सबसे आगे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की पुत्री सह मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की चल रही है।

अनूप सिंह को मिल सकता है वफादारी का इनाम
अपर कास्ट से मंत्री बादल पत्रलेख की जगह विधायक अनूप सिंह या दीपिका पांडेय को मंत्री पद मिल सकता है। हालांकि, दीपिका पांडेय की बात की जाए तो दिल्ली में अच्छी पकड़ मानी जाती है। लेकिन अनूप सिंह को सीएम हेमंत सोरेन का करीबी बताया जाता है। अनूप सिंह ही हेमंत सरकार को गिराने से बचाने के लिए संकटमोचक की तरह दो-दो बार आगे आए। अपनी ही पार्टी के विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस माह उन्हें उनकी वफादारी का इनाम मिल सकता है।

दीपक प्रकाश की कुर्सी होगी खाली, बैठ सकते हैं आदित्य
सरकार में हुई फेरबदल का पूरा-पूरा मजा विपक्ष में बैठी भाजपा भी पूरी तरह से नहीं ले पाएगी। क्योंकि, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की कुर्सी पर भी खतरे का बादल मंडरा रहा है। वर्तमान अध्यक्ष दीपक प्रकाश का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस पद के दावेदार कई हैं। मगर बताया जा रहा है शीर्ष पर राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू का नाम है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को झारखंड में संगठन को भविष्य की चुनौतियों के अनुसार तैयार करने की तैयारी चल रही है। क्योंकि, लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों के बाद 2024 में ही विधानसभा का भी चुनाव होना है। इसलिए शीर्ष नेतृत्व झारखंड में बदलाव करना चाह रहे हैं। ऐसे में आदित्य साहू को इसी महीने प्रदेश की सबसे बड़ी कुर्सी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

जेएमएम में कई युवाओं के सिर पर सजेगा ताज
सत्ता में सबसे बड़ी पार्टी जेएमएम में भी खासा बदलाव देखने को मिलेगा। कई युवा चेहरों को निगम व बोर्ड का चेयरमैन बनाया जा सकता है। वहीं, केंद्रीय कमेटी की भी अधिकारिक घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही जेएमएम में कई नेताओं का ज्वाइनिंग भी लोगों को आश्चर्य में डाल सकता है। वहीं, स्वर्गीय जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।

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