रांची
अगर अनुसूचित जाति जनजाति के उत्थान के लिए केंद्र सरकार काम करना चाहती है, तो अनुसूचित जनजाति उप योजना एवं अनुसूचित जाति उप योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। यह मांग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता राजेश कच्छप ने संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से केंद्र सरकार से की।
केशव महतो कमलेश ने कहा कि एसटीपी और एससीएसपी का मूल उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास में तेजी लाना है ताकि समाज के बाकी हिस्सों की तुलना में विकास के मापदंडों का अंतर कम किया जा सके। इंदिरा गांधी द्वारा 1975-76 और 1979-80 में उप योजनाएं शुरू की गईं, जिनका मकसद इन समुदायों के लिए आय के अवसर प्रदान करना, गरीबी और बेरोजगारी को दूर करना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तक पहुंच बढ़ाना, समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना और शोषण को रोकना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एससी-एसटी के अधिकारों को वृहद स्वरूप देने के बजाय उनके बजट प्रावधानों में कटौती कर रही है। वर्तमान बजट में एससी और एसटी के लिए क्रमश: 3.4% और 2.6% का आवंटन किया गया है, जिससे अनुसूचित जाति को 11.70 लाख करोड़ और अनुसूचित जनजाति को 5.57 लाख करोड़ के बजट का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने 2025 के चुनाव घोषणा पत्र में एससी-एसटी उप योजना पर केंद्रीय कानून बनाने का वादा किया था।
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि उप योजनाओं को प्रभावी बनाने हेतु कानून बनाना आवश्यक है। यूपीए शासनकाल में इस पर शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन 2014 के चुनावों के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान केंद्र सरकार ने झारखंड को अनुसूचित जनजाति उप योजना के तहत 3515.11 करोड़ और अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 2475.49 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए, जबकि यह राशि न्यूनतम 10,000 करोड़ होनी चाहिए थी।
रामेश्वर उरांव ने कहा कि उप योजना की राशि का दुरुपयोग हो रहा है। कई राज्य इस राशि को डायवर्ट कर दूसरी योजनाओं में खर्च कर देते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक राज्य में टीएसपी के पैसे से पुलिस के लिए गोलियां खरीदी गईं और दूसरे राज्य में स्टेट ट्रांसपोर्ट का मुख्यालय बनाया गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की कानून बनाने की मांग जायज है और इससे फंड का सही उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
राजेश कच्छप ने कहा कि रघुवर सरकार ने टीएसपी और एससीएसपी की राशि से ग्लोबल समिट और एयरपोर्ट के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनवाया, जो आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि कानून बनने से विकास योजनाएं ज़मीनी स्तर पर उतरेंगी और इन समुदायों के क्षेत्रों में समान रूप से विकास होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 275(1) द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति को जो अधिकार दिए गए हैं, वे कानून के अभाव में मृतप्राय हो गए हैं। संवाददाता सम्मेलन में मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, अध्यक्ष सतीश पॉल मुजनी, प्रवक्ता सोनाल शांति, खुर्शीद हसन रुमी और जगदीश साहू भी उपस्थित थे।