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सदन में गूंजा आवारा कुत्तों का मामला, हर जिले में डॉग स्क्वायड के गठन की हुई मांग

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द फॉलोअप डेस्क 
आज विधानसभा बजट सत्र का तीसरा दिन है। सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। इस दौरान विधानसभा में आवारा कुत्तों का मामला गूंज उठा। विधायक बिरंचि नारायण से इससे संबंधित सवाल अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से लाया। उन्होनें कहा कि देश मे हर वर्ष 20 हजार से ज्यादा मौतें आवारा कुत्तों के काटने से होती है। झारखंड में भी औसतन 50 लोगों की मौत हो रही है। लेकिन रांची को छोड़कर किसी भी जिले में डॉग स्क्वायड का गठन नहीं हुआ है। उन्होनें सरकार से राज्य के सभी जिले में डॉग स्क्वायड के गठन की मांग की। विधायक बिनोद सिंह ने कहा कि झारखंड में आवारा कुत्ते के काटने से हुई मौत पर कोई मुआवजा पॉलिसी नहीं है। जबकि अन्य राज्यों में मुआवजा पॉलिसी है। 


अध्यक्ष महोदय विधानसभा परिसर में भी घूमते हैं 4-5 आवारा कुत्ते
विधायक नीरा यादव ने कहा कि अध्यक्ष महोदय विधानसभा परिसर में भी चार-पांच आवारा कुत्ते घूमते रहते है। विधायक मथुरा महतो ने कहा कि बोकारो जिला के कुत्ते को धनबाद जिला में छोड़ दिया जाता है। एक तो हमलोग हाथी से परेशान हैं ऊपर से कुत्ता छोड़ दिया जाता है। 


आवारा कुत्ते का बंध्याकरण कराया जाएगा 
जवाब में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि आवारा कुत्ते से रोकथाम के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होनें कहा कि अभी भी आवारा कुत्ते को टीका लगाया जा रहा है और बंध्याकरण भी कराया जा रहा है। यह कार्य आगे भी जारी रहेगा। उन्होनें डॉग स्क्वायड के गठन की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया। मंत्री के जवाब पर विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि अगर सरकार के पास संसाधन की कमी है तो नागालैंड के लोगों को बुला लीजिए।बिरंची के इस कथन का विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने विरोध किया।

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