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कार्यकर्ता सम्मेलन में सुदेश महतो ने हेमंत सोरेन पर साधा निशाना, कहा- जनता से वादाखिलाफी का जवाब दे सरकार 

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
आज किसी गरीब के पास लाल कार्ड है, कल उसके पिता जी के पास भी लाल कार्ड था और आने वाले कल में उनके बेटे के पास भी लाल कार्ड होगा हम सभी को मिलकर यह परंपरा तोड़नी होगी। ये बातें नामकुम प्रखंड अंतर्गत सिदरौल में आयोजित प्रखंड स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने कही। 35 किलो अनाज के लिए राज्य नहीं बना है. इसके लिए सबसे सशक्त माध्यम है शिक्षा। बेहतर शिक्षा से प्रदेश आगे बढ़ सकता है। आज प्रदेश का हर बच्चा यही सोच रहा है कि उसके लिए, उसके भविष्य के लिए राज्य में क्या हो रहा है। सरकार उनके विकास लिए क्या कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि बीडीओ एवं सीओ को जमीन नापने में मजा आता है गरीब का काम करने में नहीं। गलत धारणाओं में सरकार की व्यवस्था जा रहीं है। इस दौरान पर कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन थामा सिर्फ

हेमंत सरकार ने प्रदेश की जनता से वादाखिलाफी किया 

नामकुम राजधानी में तो है लेकिन यहां पर राजधानी में होने का किसी भी स्तर पर बोध नहीं होता है। इस प्रखण्ड में कुल 101 गांव हैं जो आज तक विकास से काफी दूर हैं। रांची में शहर से सटे ऐसे कई गांव हैं जहां अभी भी एक राज्य की राजधानी में होते हुए भी कोई सुविधा नहीं है। जिसका कारण है उचित नितृत्व न मिल पाना। सरकार सत्ता में आने से पहले कई बड़े बड़े वादे किए थे। इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। चाहे वो नियोजन या स्थानीय नीति की बात हो या रोजगार या रोजगार नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देने की बात हो सरकार ने अपने किसी वादे को पूरा नहीं किया। कार्यकर्ताओं के लिए अब बैठने का समय नहीं है। यह वक़्त है राज्य की जनता को राज्य सरकार द्वारा की जा रही है वादाखिलाफी के बारे में बताने का। इसके लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट हो कर इस बात को एक एक यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करें। 


हमने महिला आरक्षण 50% बढ़ाये जिससे उनमे लीडरशिप की संख्या बढ़ी 

पंचायती राज व्यवस्था में हमने महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ा कर 50 प्रतिशत करने का काम किया था, जिसका नतीजा है कि गांव में महिलाओं की लीडरशिप आज बढ़ी है। वार्ड से लेकर जिला परिषद तक महिलाओं ने जीत कर अपनी लीडरशिप को साबित किया है। आज हर गांव में महिला समिति समूह है जहां से महिलाएं अपने और अपने परिवार की जरूरत के हिसाब से लोन ले सकती है वो भी मात्र एक फीसदी के ब्याज दर पर। इन समूहों से गरीब परिवार में बदलाव आया है और विश्वास पैदा हुआ है। समूह के कारण ही आज किसी भी ग्रामीण को पैसों के लिए अपनी जमीन या गहनों को गिरवी नहीं रखना पड़ता है।