रांची
खेलारी के विश्रामपुर गांव में फिर से भू-धंसान की सूचना मिली है। इससे यहां के ग्रामीम डरे हुए हैं। उनको किसी ब़ड़ी अनहोनी की चिंता सता रही है। इससे पहले भी यहां जमीन धंसने की घटना हो चुकी है। बता दें कि इस स्थान पर चार दशक पहले सीसीएल के भूमिगत खदान का बत्ती घर हुआ करता था। उत्पादन बंद होने के बाद इसमें पानी भर गया। यह खदान तब की है जब करक्ट्टा-विश्रामपुर इलाके में कई भूमिगत खदानें हुआ करती थीं। खदानों के बंद होने के बाद इनमें पानी भर गया था। लेकिन हाल में जब केडीएच खदानों के विस्तारीकरण का काम शुरू हुआ तो इन खदानों को नई खदानों से मिला दिया गया। इस दौरान खदान में जमा पानी निकल गया। अब खदानों का उपरी सिरा मुंह खुला होने के कारण नीचे की सतह पर जमा कोयला हवा के संपर्क आ रहा है। जानकारों के अनुसार इसी वजह से इस भूमिगत खदान में आग लग रही है। और वहां से धुंआ निकल रहा है। जानकारी के मुताबिक यह स्थिति सिर्फ विश्रामपुर की नहीं है। इसके आसपास के करकट्टा, जेहलीतांड़, जामुनतेहर, खिलानधौड़ा में भी कई बार भू-धंसान हो चुका है। इसका असल कारण आसपास की खुली और बंद खदानें हैं।
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