logo

हाईकोर्ट में हैरान करने वाला मामला, एक पद्मश्री पर ठोका 2 लोगों ने दावा 

ORDER_ORDER_ORDER.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
ओडिशा हाईकोर्ट में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इसमें एक ही नाम के 2 लोगों ने प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार पर अपना दावा पेश कर दिया है। इस मामले ने अदालत को भी चौंका दिया है, क्योंकि राष्ट्रपति के हाथों पहले ही इनमें से एक को यह सम्मान दिया जा चुका है। 

ये है पूरा मामला
मामला यह है कि ओडिया के साहित्यकार और लेखक डॉ अंतर्यामी मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि उनके ही नाम का एक पूर्व पत्रकार गलत तरीके से पद्मश्री पाने का दावा कर रहा है। डॉ मिश्रा ने 29 किताबें लिखी हैं और उनका कहना है कि वह ही इस पुरस्कार के असली हकदार हैं। 

कोर्ट ने क्या कहा?
मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस एस के पानिग्रही ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से सत्यापन करने के बाद ही पुरस्कार की घोषणा करती है। बावजूद इसके, नाम की समानता के कारण यह विवाद खड़ा हो गया। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों को 24 फरवरी को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। अदालत ने दोनों से अपने दावों को साबित करने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज पेश करने को कहा है। 

केंद्र सरकार को नोटिस
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भी इस मामले में नोटिस भेजा है कि और अन्य संबंधित पक्षों को रजिस्टर्ड डाक के जरिए सूचित किया गया है। वहीं पुरस्कार पाने वाले अंतर्यामी मिश्रा, जो ढेंकानाल के निवासी हैं और कई पाठ्यपुस्तकों के लेखक भी हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनके घर पर सभी औपचारिक सूचनाएं भेजी थीं और आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन सहित कई प्रतिष्ठित लोगों ने उनके नाम की सिफारिश की थी। 

वहीं याचिकाकर्ता के वकील आनंद स्वामी ने कहा कि गृह मंत्रालय से उनके मुवक्किल को बधाई का फोन आया था, जिससे साबित होता है कि असली हकदार वही हैं। 

 

Tags - National News National Latest News High Court Padmashree