रांची
जमीन में खादान्न गाड़े जाने के मामले में विधायक सरयू राय ने मंत्री बन्ना गुप्ता पर पलटवार किया है। कहा है कि ये उनकी तिकड़मबाजी का घोतक है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही इसका इलाज कर सकते हैं। इससे उनकी सरकार के चेहरे पर कालिख पुत रही है। यदि उनकी सरकार का एक मंत्री बेसिर पैर की बात करता है, बयान जारी करता है तो मंत्रिपरिषद की सामूहिक ज़िम्मेदारी के नाते इसमें सीएम का भी उत्तरदायित्व बनता है। सरयू राय ने आरोप लगाया कि मंत्री के रूप में शपथ लेते हुए बन्ना गुप्ता ने उल्टा शपथ पढ़ा था। पहला पन्ना बाद में और बाद का पन्ना पहले पढ़ा था। शपथ ग्रहण के समय का वीडियो इसका प्रमाण है। इसका मतलब यह नहीं कि ये काम भी ऊटपटाँग करेंगे जो कि वह कर रहे हैं।
सरयू ने आगे कहा, कोई मंत्री जब निरीक्षण करता है तो एक निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार कर संचिका में रखता है। संचिका विभागीय सचिव के पास टिप्पणी के लिए जाती है। विभागीय सचिव संचिका में रक्षित प्रतिवेदन पर विचारोपरांत नियम का हवाला देते हुए विधिसम्मत टिप्पणी के साथ संचिका आदेश के लिए मंत्री के पास आती है। मंत्री इस पर विचार कर सचिव की टिप्पणी से अंशतः या पूर्णतः सहमत या असहमत होते हुए आवश्यक आदेश जारी करता है। सरयू ने सवाल पूछा, मंत्री बन्ना गुप्ता ने कडरू गोदाम का निरीक्षण करते समय जो पाया, उसका क्या लिखित प्रतिवेदन संचिका में दिया है। विभागीय सचिव ने इसकी मीमांसा करते हुए जो टिप्पणी मंत्री के रूप मे उनके पास भेजी है, उस पर उन्होंने क्या किया है। यह बन्ना गुप्ता को सार्वजनिक करना चाहिए। मंत्री को चाहिए कि पहले विभागीय नियमावली की समझ बनाएं। विभाग में किसका क्या अधिकार और दायित्व है, इसकी जानकारी लें। मंत्रालय और निदेशालय तथा राज्य खाद्यान्न निगम के बीच का कार्य विभाजन समझें। गोदाम किसके अधीन आते हैं और उसमें रक्षित खाद्यान्न किसके ज़िम्मे रहते हैं, यह जानकारी प्राप्त करें और तब इस पर कुछ बयान दें।
बन्ना गुप्ता यह समझ लें कि अपने मंत्री कार्यकाल में मैंने जो व्यवस्था कर दी है, उसके बाद कोई मंत्री या सचिव चाहकर भी एक छटांक भी खाद्यान्न की चोरी नहीं कर सकता। इसलिए यदि वे गोदामों का निरीक्षण अनाज की चोरी करने का रास्ता निकालने की बदनीयत से कर रहे हैं तो उन्हें निराशा हाथ लगेगी। मेरे कार्यकाल में विभाग में जो भी हुआ है वह नियम, उपनियम, परिनियम के अनुसार ही हुआ है। यह ध्यान रखा गया है कि मंत्री/सचिव या अन्य के किसी आचरण से सरकार के खजाने पर एक पैसे का भी बोझ नहीं आए। इसलिए ढूँढते रह जाइएगा मेरे कार्यकाल की अनियमिताएँ नहीं खोज पाइएगा। अज्ञानता और तिकड़मी बदमाशी का सहारा लेकर भले ही तीन- तेरह, झूठ-फ़रेब कर सकते हैं, मीडिया को गुमराह कर सकते हैं। अनाज की कालाबाजारी करने-कराने का आपका मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा। ऐसा करने की कोशिश करिएगा तो हथकड़ी आमंत्रित करिएगा।
क्या है मामला
कुछ दिन पहले खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा SFC यानी स्टेट फ़ूड कॉरपोरेशन के कडरू स्थित गोदाम का औचक निरीक्षण किया गया था। इसकी जांच रिपोर्ट आ गयी है। इसमें कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्कालीन मंत्री सरयू राय की जानकारी में अनाज को गाड़ दिया गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1098.17 क्विंटल अनाज को तत्कालीन मंत्री सरयू राय ने जमीन में गाड़ने पर सहमति दी थी। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि उचित रखरखाव के अभाव में अनाज सड़ गया। इसकी सूचना भी आप्त सचिव के माध्यम से तत्कालीन मंत्री सरयू राय को दी गई थी।