द फॉलोअप डेस्कः
साहिबगंज एसपी नौशाद आलम ईडी के समन पर बुधवार को ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे। नौशाद आलम ने ईडी को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने नहीं आने की वजह बताते हुए अगली तारीख की मांग की है। गौरतलब है कि ईडी की तरफ से यह तीसरा समन जारी किया गया था। जानकारी के अनुसार नौशाद ने पत्र के जरिए ईडी के अधिकारियों को सूचना दी कि वे आज आने में सक्षम नहीं हैं, इसकी वजहें भी उन्होंने पत्र में लिखी हैं। इसलिए उन्होंने दूसरी तारीख की मांगी की है। दरअसल एजेंसी यह जानना चाहती है कि आखिरकार नौशाद आलम ने किस पॉलिटिशियन या फिर किस सरकारी अधिकारी के कहने पर उन्होंने विजय हांसदा को सुविधाएं प्रदान करायी। पर्दे के पीछे वे कौन लोग हैं जिनके कहने पर गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
28 नवंबर को भी हुई थी पूछताछ
बता दें कि इससे पहले नौशाद आलम से 28 नवंबर को साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ हुई थी। हालांकि उस दिन के जवाब से ईडी संतुष्ट नहीं है। कहा जा रहा है कि पूरी पूछताछ के दौरान एसपी नौशाद आलम बातों को घुमाते रहे थे। सबसे पहले नौशाद आलम को 22 नवंबर ईडी दफ्तर आने को कहा गया था। लेकिन वह उस दिन पुलिस मुख्यालय से सुझाव लेने की बात कहकर नहीं पहुंचे थे। वह शाम 7:30 बजे ईडी ऑफिस बाहर निकले। ईडी ने संथाल परगना में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले के अहम गवाह साहिबगंज के विजय हांसदा के गवाही से मुकरने के लिए दबाव बनाने व आरोपियों को सहयोग करने के मामले में उनसे कई सवाल किए। लेकिन, नौशाद आलम ने ईडी के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ईडी उनके गोल-मटोल जवाब से असंतुष्ट है इसलिए फिर से उनसे पूछताछ करेगी।
नौशाद आलम पर क्या है आरोप
नौशाद आलम से यह पूछताछ साहिबगंज में हुए 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में की जाएगी। एसपी नौशाद आलम पर आरोप है कि उन्होंने अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गवाह रहे विजय हांसदा पर दबाव बनाया था। उसके दिल्ली आने-जाने की व्यवस्था की। दिल्ली जाने के लिए रांची पुलिस केंद्र के सार्जेंट के जरिए टिकट बुक कराया। वैसे तो अवैध खनन, जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई आईएएस अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है लेकिन इस केस के सिलसिले में ईडी के सवालों का सामना करने वाले नौशाद आलम पहले आईपीएस अधिकारी होंगे। बताया जाता है कि इसमें रांची पुलिस के भी कई अधिकारियों की बड़ी भूमिका है।