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नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या कुछ कहा विस्तार से पढ़िए 

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द फॉलोअप डेस्कः 
आज दिल्ली में नीति आयोग  की बैठक आयोजित की गई जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। इस बैठक में शामिल होने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कुछ कहा है उसे विस्तार से पढ़िए
1. नीति आयोग की शासी परिषद की आठवी बैठक में भाग लेते हुए मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। आज की इस बैठक में झारखंड राज्य के कतिपय महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में अपने विचार रखने का अवसर देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं और उन्हें साधुवाद देता है। 

2. विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने हेतु महत्वपूर्ण प्रयास किये गये हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में इनके दूरगामी प्रभाव परिलक्षित होंगे। मैं इस बैठक में उपस्थित सभी माननीय सदस्यों को ये विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि झारखण्ड राज्य देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने हेतु सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा।

3. माननीय प्रधानमंत्री जी, विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने एवं प्रदेश की मुलभूत सरंचना को मजबूत बनाने हेतु राज्य सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि हमारे प्रयासों से निवेशकों में विश्वास बढ़ेगा और वे प्राकृतिक संपदाओं से परिपूर्ण झारखंड राज्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

4. महिलाओं का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। राज्य में स्वयं सहायता समूहों एवं ग्राम संगठनों में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने में झारखण्ड हमेशा से अग्रणी रहा है। पंचायतों में भी महिलाओं की भागीदारी के मामले में झारखण्ड की गिनती अव्वल राज्यों में की जाती है। हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि इस दिशा में और ठोस कदम उठाकर महिलाओं के सशक्तिकरण को और दृढ़ता प्रदान किया जाय।

5. कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से युवा वर्ग को आजीविका प्रदान करने के लिए राज्य सरकार सतत् कार्य कर रही है। इसके अन्तर्गत युवाओं एवं महिलाओं को स्थानीय स्तर पर आवश्यक मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप ग्राम स्तर पर भी स्थानीय उपमिता को बढ़ावा मिल रहा है।

Thrust on MSMES

6. मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में MSME क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु राज्यों को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये थे उन सुझावों के कार्यान्वयन हेतु हमारे राज्य में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं, जिसमें मुख्य रूप से पृथक् MSME विदेशालय की स्थापना एवं वर्तमान जिला उद्योग केन्द्रों को जिला MSME केन्द्र के रूप में विकसित करना शामिल है। राज्य एवं जिला में समन्वय स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीकृत MSME उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य में MSME प्रोत्साहन नीति 2023 और MSME Special Concession अधिनियम 2023 का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। MSME सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देव पूँजीगत सब्सिडी को 25 प्रतिशत से चढ़ाकर अधिकतम 40 प्रतिशत तक किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार Raising and Accelerating MSME performance (RAMP) कार्यक्रम के तहत Strategie Investment Plan] भी तैयार कर रही है।

7. राज्य में वर्तमान लागू Procurement Policy को भी Revise किया जा रहा है, ताकि स्थानीय MSME को और अधिक महत्व दिया जा सके। इसके लिए नई Public Procurement [Policy का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इससे समाज के कमजोर महिलाएं अजित जाति/जनजाति और दिव्यांग जयमियों के स्वामित्व वाले उद्योगों को अधिक लाभ मिल सकेगा।

Infrastructure and Investments

8. राज्य गठन के समय झारखंड में Secondary Road Network की लम्बाई लगभग 5,400 किलोमीटर थी जो अब बढ़कर 13,796 किलोमीटर हो गई है। इसके साथ ही लगभग 9,750 करोड़ रूपये की लागत से कुल 1,369 किलोमीटर के तीन सड़क कर यथा (i) Eastern

Corridor (ii) Holy Tourist Corridor एवं (ii) Central Corridor को चिन्तOPR तैयार किया जा रहा है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में हमें केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है।

9. झारखण्ड राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथ धनत्य को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए हमने कुल 08 Major Road [Corridors (कुल लम्बाई 1662.50 किलोमीटर) को भी चिन्हित किया है। इन राजकीय पदों को राष्ट्रीय उच्च पथों में विकसित किये जाने से राज्य अन्तर्गत North to South एवं East to West connectivity सुद्ध होगी

10. साहेब खण्ड) एवं मनिहारी घाट (बिहार) के मध्य गंगा नदी पर निर्माणाधीन उच्चाय सेतु के तर्ज पर राजमहल (झारखण्ड) एवं मानिकचक (…(पश्चिम बंगाल के मध्य गंगा नदी पर उच्च स्तरीय सेतु के कर्ज पर राजमहल (झारखण्ड) एवं मानिकचक (पश्चिम बंगाल) के मध्य गंगा नदी पर स्तरीय सेतु निर्माण हेतु NHAI से अनुरोध किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए हमें केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है।

11. झारखण्ड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है और इसी के अनुरूप नगरीय अवसंरचनाओं एवं नागरिकों की मुलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे है। इसके तहत 10 शहरों का City Development Plan एवं 06 शहरों का comprehensive Mobility Plan तैयार कर लिया गया है। राज्य के कुल 43 शहरों का GIS Based Master Plan भी तैयार कर लिया गया है। Online Building Plan Approval Management System एवं Layout Plan Approval Management System वर्तमान में 45 निकायों, 2 विकास प्राधिकार एवं रांधी स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन में लागू है।

Minimising Compliances

12. Ease of Doing Business (EoDB) में झारखण्ड का प्रदर्शन हमेशा से उत्कृष्ट रहा है। Business Reform Action Plan के शुरुआती पाँच संस्करणों में झारखंड हमेशा शीर्ष 10 राज्यों की सूची में रहा है। Reduction of compliance burden कार्यक्रम के अन्तर्गत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें विशेष ध्यान प्रक्रियाओं को सरल एवं युक्तिसंगत बनाना है। विगत दो वर्षों यथा 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ साथ न्यूगरिक सेवाओं से संबंधित कुल 507 compliance burden को कम किया गया है।

13. राव की दिशा में भी हम काम कर रहे है, जिसका के स्थान पर वित्तीय का प्रावधान करना है, ताकि व्यवसायियों और वरण समार हो सके। इस म में राज्य के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं विभाग के द्वारा एक धारा को कम कर दिया है और 8 धाराओं को ए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

Women Empowerment

14. महिला सशकिरण को सुनिश्चित करने हेतु साविधीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना चलाई जा रही है। सावित्रीबाई फुल्ने योजनान्तर्गत बालिकाओं की शिक्षा, बाल विवाह की रोक विद्यालय परित्याग की प्रवृति को कम करने आदि के उद्देश्य से 08 से 12 कक्षा वाले प को नगद आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

15. विश्व बैंक सम्पोषित तेजस्विनी योजनान्तर्गत कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से किशोरियों का सशक्तिकरण सुविधित किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य 14-24 वर्ष की किशोरियों को कौशल प्रशिक्षण देते हुए कुपोषण दर में कमी लाना, उनकी कार्य दक्षता को बढ़ाना, पान को रोकना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हुए संगठित क्षेत्र में रोजगार दिलाना है।

16. आजीविका मिशन के तहत लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण के लिए विशेष योज चलायी जा रही है। ग्राम स्तर पर सखी मंडल से जुड़ी सभी महिलाओं को हिंसा से मुक्ति दिलाने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए अब तक 4,368 ग्रामों में फोरम (बनाव मंच) की स्थापना की गई है। डायन प्रथा से मुक्ति पाने के लिए झारखण्ड के 7 जिलों के 25 प्रखंडों में "गरिमा परियोजना मिशन मोड में चलाई जा रही है। आजीविका मिशन के तहत ही "फूल झानो आशीर्वाद योजना के तहत लगभग 30,000 महिलाओं को ब्याज मुक्त देकर उन्हें सम्मानजनक व्यवसाय से जोड़ा गया है। ये महिलायें ग्रामीण बाजार में हडिया-दारू बेचने के कार्य में लगी हुई थी।

health and nutrition

17. स्वस्थ्य झारखण्ड सुखी झारखण्ड के संकल्प के तहत प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप राज्य के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांको तथा सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है।

 

18. वर्तमान में शिशु मृत्यु दर 25 एवं भातृ मृत्यु दर 56 है। कालाजार उन्मूलन के क्षेत्र में किये गये निरंतर प्रयासों के कारण राज्य के चार जिलों यथा दुमका, गोड्डा पाकुड़ एवं साहेबगंज में एन्डेमिक प्रखण्डों की संख्या 16 से घटकर 01 रह गई है। दुमका, साहेबगंज तथा गोड्डा जिला में एक भी प्रखण्ड अब एन्डेमिक नहीं है।

19. झारखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहाँ राज्य के सभी 24 जिलों के 260 प्रखण्डों तथा 32,210 ग्रामों का विश्लेषण कर ग्रामवार कुछ रोगियों का जी०आई०एस० मैपिंग कर दिया गया है।

20. आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत राज्य निधि से अतिरिक्त राशि प्रदान करते हुए तैंतीस लाख से अधिक अतिरिक्त परिवारों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है।

21. पोषण एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुपोषण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा समर (SAAMAR Strategic Action For Alleviation of Malnutrition and Anemia Reduction) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के चिन्हीकरण हेतु सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है।

 

Skill Development
22. राज्य के वि पर सुभारंभ किया गया है, मध्यम से राज्य के 264 में कौशल केन्द्र स्थापित इसके राज्य के विकास में सभी एवं वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिधित करने हेतु योजना lock Level Institute for Rural Skill Acquisition (BIRGA) स्थापित करने पर विचार रहा है।

23. आर्थिक रूप से कमजोर पैसे युवा, जो कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों में गैर आवासीय व्यवस्था के तहत कौशल प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें घर से प्रशिक्षण केन्द्र तक चुने जाने हेतु प्रति माह रु.1,000/- की राशि Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से देने का किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि जो युवा प्रशिक्षणोपरांत सफल प्रमाणीकरण (Certification) के तीन माह के अंदर नियोजित नहीं हो पाते हैं, उनका मनोबल बनाये रखने हेतु अधिकतम एक वर्ष तक उन्हें प्रतिमाह रुपये 1,000/- एवं युवतियों / दिव्यांगों / पलकों को प्रतिमाह रूपये 1,500/- रोजगार प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से किया जायेगा।

24. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DOUGKY) के तहत 15 से 35 वर्ष की आयु पर्य के लगभग 63,000 ग्रामीण गरीब युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है एवं लगभग 49,000 युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई गई है। झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (JSLPS) के द्वारा बंगलोर एवं रेवा में प्रवासी सहायता केन्द्रों की स्थापना की गयी है।

 

Gati Shakti far Area Development and Social Infrastructure

25. राज्य में पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के संचालन के लिए निर्धारित विस्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित किया गया है। साथ ही, राज्य के पदाधिकारियों को भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एड नियोइन्फॉर्मेटिक्स (BISAG-N), गांधी नगर, गुजरात के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है। धीएम गति शक्ति अंतर्गत स्कूलों, अस्पतालों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, बिजली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्रों, महिला पुलिस स्टेशनों को चिन्हित किया गया है। साथ ही साथ इनसे संबंधित डाटा को भी पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अर्थन प्लानिंग के लिए भी राज्य द्वारा PM गति शक्ति पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है।

26. पूंजी निवेश के लिए Special Assistance to the States for Capital Investment (Part-11) के तहत राज्य में लगभग 170 करोड़ रुपये की लागत से तीन महत्त्वपूर्ण परियोज पर काम किया जा रहा है, जिसमें निस्सा, धनबाद में लॉजिस्टिक पार्क का विकास, रोधी ट्रांसपोर्ट नगर फेज 2 एवं ओरमांझी, रांची में औद्योगिक क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना शामिल है। 
27. अंत में मैं इस सदन में उपस्थित सभी माननीय प्रतिभागियों को यह अनंतनाग कि झारखण्ड राज्य में विगत तीन वर्षों में विकास की गति में काफी तेजी आई है। झारखण्ड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश की असीम सम्भावनाएं है और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। माननीय प्रधानमंत्री महोदय से आग्रह है कि Cooperative Federalism के. सिद्धान्तों को धरातल पर उतारते हुए हमारे राज्य को उचित सहयोग प्रदान किया जाय, जिससे विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में झारखंड राज्य भी अपनी भागीदारी दर्ज करा सके।

इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ और आशा करता हूँ कि भारत सरकार से हमें अपेक्षित सहयोग मिलता रहेगा।