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HEC का गला घोंटा जा रहा है, फिर भी किसी सूरत कांग्रेस नहीं लगने देगी अडाणी नाम का ठप्पाः राहुल गांधी 

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द फॉलोअप डेस्कः 
राहुल गांधी आज रांची में हैं। उन्होंने धुर्वा के शहीद मैदान से लोगों को संबोधिक किया। इस दौरान उन्होंने कहा मैं गठबंधन को सोरेन जी को हमारे विधायकों को बधाई देना चाहता हूं कि आपने बीजेपी-आरएसएस की जो साजिश थी उसको रोका और यहां गरीबों की सरकार को मेंटेन किया और उसकी रक्षा कि। कुछ दिनों से हमारी यात्रा झारखंड में चल रही है। पिछले साल हमने भारत जोड़ो यात्रा की। लाखों लोग इसमें साथ चले। बीजेपी ने देश में नफरत फैला रखी है इसके खिलाफ हम लाखों लोग चले। और देश को हमने देश को एक नया रास्ता दिखाया। और यात्रा बहुत सफल रही। मणिपुर से महाराष्ट्र तक आपको दूसरी यात्रा करनी चाहिए ऐसा हजारों लोगों ने मुझसे कहा। इसलिए हम ये कर रहे हैं। आपने देखा कि झारखंड में कितनी ऊर्जो से लोगों ने हमारा साथ दिया। तो इसमें भारत जोड़े न्याय यात्रा में हमने एक शब्द डाला है न्याय। इस शब्द को आज देश में बहुत अच्छी तरह समझा जा रहा है। एचईसी के लोग इस शब्द को बहुत अच्छे से जानते हैं। इनके खिला अन्याय किया जा रहा है। ये पब्लिक सेक्टर है इसका धीरे-धीरे गला घोंटा जा रहा है। 


क्योंकि सरकार और बीजेपी चाहती है कि एचईसी काम ना करें और आने वाले दिन में अडाणी नाम का नेमप्लेट इसमें लगा दिया जाए। इसको प्राइवेटाइज किया जाए। जहां जाता हूं वहां ऐसे लोग दिख जाते हैं जहां ऐसे पब्लिक सेक्टर यूनिट को खत्म किया जा रहा है। क्योंकि मोदी सरकार सब कुछ खत्म करके अडाणी का नाम लगाना चाहती है। यहां जो काम करते हैं जिन्होंने सालों से काम किया है उनको ये बेरोजगार बनाना चाहते हैं। कांग्रेस यह नहीं होने देगीष बेजीपी से मैं कहता हूं कर लो जो करना है हम अडाणी का नाम नहीं लगने देंगे। ये फ्री गिफ्ट अडाणी को नहीं देंगे। हमारी सरकार बनी तो जो आपको सपोर्ट चाहिए वो आपको मिलेगा। इस देश में ओबीसी वर्ग के आदिवासी वर्ग के कितनी आबादी है। देश में कम से कम 50 प्रतिशत ओबीसी हैं। 


आज तेलंगना के सीएम आएं और बताया कि जो वादा हमने किया था आज उस वादे को हमने पूरा किया। वो वादा है जाति जनजणना का वादा। तेलांगना में सबको पता लग जाएगा कि किसकी कितनी आबादी। एचईसी के लोगों को तंग किया जा रहा है ये पिछड़े है दलित है आदिवासी है। इसलिए इनको हटाया जा रहा है और प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है। इससे आदिवासियों, ओबीसी दलितों को बेरोजगार बनाने का मकसद है। किसी दिन अडाणी की कंपनी की लिस्ट निकालिए उसमें एक पिछड़ा, दलित आदिवासी नहीं मिलेगा। एक व्यक्ति को पूरी की पूरी संपत्ती दी जा रही है। जो भी यह व्यक्ति चाहता है इसको मिल जाता है।