द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में शिक्षकों के स्थानांतरण के नियमों में एक बार फिर बदलाव होने जा रहा है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले 2022 में स्थानांतरण नियमों में बदलाव किया गया था, जिसके बाद शिक्षकों के गृह जिले में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि, अंतर जिला स्थानांतरण के दौरान कुछ प्रावधानों में बदलाव की जरूरत महसूस की गई, जिस पर अब काम किया जा रहा है।
अंतर जिला स्थानांतरण के नियम
वर्तमान नियमों के अनुसार, अंतर जिला स्थानांतरण में शिक्षक की उम्र, जोन में तैनाती और प्राथमिकता के आधार पर अंक तय किए गए हैं। इसके अलावा, अगर शिक्षक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो स्थानांतरण का प्रावधान है। अब इसमें शिक्षक के परिजनों को भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। परिजनों की परिभाषा तय करने के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। महिला शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए पहले से तय प्राथमिकताओं में भी बदलाव किया जाएगा।
जोन के आधार पर नियम तय होते हैं। स्थानांतरण नियमों में अलग-अलग जोन बनाए गए हैं। इनमें-
जोन-1: नगर निगम, नगर पंचायत और नगर निकाय क्षेत्र के स्कूल।
जोन-2: पंचायत क्षेत्र के वे स्कूल जो अनुमंडल या प्रखंड मुख्यालय में हैं।
जोन-3: अनुमंडल और प्रखंड पंचायत से 5 किलोमीटर के भीतर के स्कूल।
अब इन जोन में भी बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है। विभाग जल्द ही इन बदलावों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।