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रांची हिंसा : पुलिस ने चंद मिनटों में ही क्यों हटाई आरोपियों की तस्वीर वाली होर्डिंग

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डेस्क: 

पुलिस ने रांची हिंसा के आरोपियों की तस्वीर शहर में लगवाये और चंद मिनटों में ही उसे हटा लिया। गौरतलब है कि राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर रांची पुलिस ने रांची हिंसा के आरोपियों की तस्वीर होर्डिंग की शक्ल में शहर भर के अलग-अलग स्थानों पर लगाए थे। ऐसी ही एक तस्वीर, राजभवन के पास स्थित जाकिर हुसैन पार्क से सामने आई जहां आरोपियों की तस्वीर वाले होर्डिंग लगाए गये थे। दरअसल, सोमवार को राज्यपाल ने वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि आरोपियों की होर्डिंग लगाई जाये। 

 

गौरतलब है कि रांची हिंसा के आरोपियों की तस्वीर वाली होर्डिंग्स को हटाने के फैसले से संबंधित एक लेटर सर्कुलेट हो रहा है। इसमें नीचे निवेदक रांची पुलिस लिखा है लेकिन इसमें रांची या झारखंड पुलिस की कोई भी आधिकारिक मुहर नहीं लगी है। 

शुक्रवार को भड़की थी हिंसा
शुक्रवार (10 मार्च) को जुम्मे की नमाज के बाद बीजेपी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित आपत्तिजनक बयान के विरोध में आयोजित प्रदर्शन अचानक हिंसक घटना में तब्दील हो गया। बयान के विरोध में जमा हुई भीड़ हिंसक हो गई। भीड़ का पुलिस के साथ टकराव हो गया। पुलिस, प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकना चाहते थे लेकिन भीड़ आगे बढ़ने पर अड़ी थी।

भीड़ ने पुलिस के जवानों पर पथराव किया, जवाब में पुलिस ने भी हल्का बलप्रयोग किया। इसके बाद मेन रोड में भीड़ उग्र हो गई और जवानों पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। भीड़ ने आसपास खड़े वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ की। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले हवाई और फिर सीधी फायरिंग की। फायरिंग में कई लोग घायल हो गए जिसमें से 2 लोगों की मौत हो गई। 

फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं
शुक्रवार देर शाम वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में जवानों ने स्थिति पर काबू पा लिया। रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, उपायुक्त छवि रंजन, रांची डीआईजी अनीश गुप्ता औऱ सिटी एसपी अंशुमान कुमार ने घूम-घूमकर सुरक्षा का जायजा लिया। इस बीच जिला प्रशासन ने मेन रो़ड में सुजाता चौक से लेकर फिरायालाल चौक तक धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी। पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी। अन्य संवेदनशील इलाकों में भी धारा-144 लगाई गई। कुछ इलाकों में अभी भी धारा-144 लगी है लेकिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक थोड़ी ढील दी जाती है ताकि लोग जरूरी काम निपटा सकें। 

राज्यपाल ने दिया था जरूरी निर्देश
रांची हिंसा को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को वरीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को तलब किया। उनसे पूछा कि घटना की शुरुआत में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीधी फायरिंग की जगह आंसू गैस क्यों नहीं दागा गया। वाटर कैनन का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया।

सीधी फायरिंग की जगह रबर बुलेट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि रांची हिंसा के सभी आरोपियों की तस्वीर की होर्डिंग लगाई जाये।