रांची
कल 8 मई को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के सचिवालय स्थित चेंबर की तलाशी लेने के बाद मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने डीजीपी अजय कुमार सिंह से सवाल पूछा है। मुख्य सचिव ने पूछा है कि सचिवालय की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे है, तो फिर ईडी की टीम कैसे अंदर पहुंच गयी। बता दें कि ये पहला मौका है जब सचिवालय या प्रोजेक्ट बिल्डिंग के अंदर तक ईडी की टीम पहुंची है। मुख्य सचिव के इस सवाल पर झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तंज किया है। कहा है कि इस तरह से कभी भी भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पायेगा।
क्या कहा मरांडी ने
मरांडी ने आगे कहा, ‘बढ़िया है। कुछ बेईमान अफ़सरों, दलालों के साथ मिलकर ग़रीबों को लूटिये और लुटवाईये। प्रोजेक्ट बिल्डिंग (सरकारी सचिवालय) में एक फ़्लोर नोट का भंडार छिपाने के लिये नोटखाना बना दीजिये। और फिर देश की एजेंसियां विधिवत सर्च वारंट के साथ वहां जाकर, छापामार कर पाप का ख़ज़ाना और उसके सबूत जुटाने जायें तो राज्य की पुलिस से जांच करने से रोकवाईये, बाधा डालिये।‘
दे डाली ये चेतावनी
साथ ही उन्होंने सीएम चंपाई सोरेन से कहा है, कि झारखंड कोई तालिबानी देश नहीं है। ये भी देश के क़ानून और कोर्ट-कचहरी से चलता है। देश की एजेंसियों का काम ही देश के किसी भी कोने में जाना और तहख़ाने में छिपाये गये काला धन को बरामद कर बेईमानों को जेल भेजना है। चाहे वो मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो या संतरी हो। ये सब ग़ैर क़ानूनी काम मत करिये वरना आपलोगों का भी वही हाल होगा जो एक्सीडेंटल राजकुमार हेमंत का हुआ है।
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