द फॉलोअप डेस्क, रांची:
रांची के ओरमांझी में 15 वर्षीय नाबालिग के अपहरण और गैंगरेप मामले में पुलिस ने 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम सुबोध जायसवाल (47 वर्ष) और हीरालाल महतो (49 वर्ष) हैं। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट डिजायर कार, वारदात के समय अभियुक्तों द्वारा पहने गये कपड़े और शराब की बोतल बरामद की है। पुलिस ने बताया कि, अभियुक्तों ने नाबालिग के अपहरण और गैंगरेप की वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। गौरतलब है कि 19 जून को यह मामला प्रकाश में आया था जब किसी ने 112 पर डायल करके पुलिस को एक नाबालिग बच्ची के जख्मी हालत में ओरमांझी के पास एक गांव में जख्मी हालत में पड़े होने की सूचना दी थी।
रांची एसएसपी ने किया था एसआईटी का गठन
गौरतलब है कि नाबालिग के अपहरण और गैंगरेप की इस वारदात को सुलझाने के लिए रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने सिल्ली डीएसपी रणवीर सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। इस टीम ने उनके साथ ओरमांझी थाना प्रभारी आलोक सिंह, सिकिदिरी थाना प्रभारी दीपक कुमार सिन्हा, बीआईटी मेसरा ओपी प्रभारी रौशन कुमार सिंह और एसआई चंद्रदेव सिंह, मनोज करमाली, विनय कुमार, रंजीत कुमार महतो और बलेंद्र कुमार शामिल थे। इससे पहले महिला थाना में एसआई सरोज बिरुआ ने पीड़िता की मां की लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने 1 सप्ताह में वारदात का खुलासा करते हुए 2 अभियुक्तों को पकड़ लिया है।
19 जून को जख्मी हालत में मिली थी पीड़िता
पुलिस ने वारदात की जानकारी देते हुए बताया कि 19 जून को किसी ने 112 पर डायल करके सूचना दी थी कि ओरमांझी नयाटोली में एक नाबालिग जख्मी हालत में पड़ी है। सूचना पर त्वरित एक्शन लेते हुए महिला कर्मियों के साथ पुलिस की एक टीम पहुंची। जख्मी नाबालिग बच्ची को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र पिस्का में भर्ती कराया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे रिम्स रेफर कर दिया। पुलिस का कहना है कि यह बिलकुल ब्लाइंड केस था क्योंकि पीड़िता कुछ भी बता पाने में सक्षम नहीं थी। उसकी पहचान के लिए कोई सुराग भी नहीं था। किसने और कहां से नाबालिग का अपहरण किया, ये भी पता नहीं था। हालांकि, डीएसपी रणवीर सिंह की पूरी टीम ने 1 सप्ताह तक कड़ियां जोड़ते हुए 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।