द फॉलोअप डेस्क
सरायकेला जिला के ईचागढ़ प्रखंड के देवलटांड गांव में मुखिया विपिन सिंह मुंडा समेत गांव के दर्जनों लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। इस कारण वर्तमान में गांव की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। फिलहाल, इलाजरत मरीज खतरे से बाहर हैं और गांव में डायरिया जैसी बीमारी फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। बहरहाल अबतक इस बीमारी की मुख्य वजह दूषित पानी और गंदगी को माना जा रहा है। देवलटांड़ में डायरिया फैलने की सूचना मिलने के बाद से प्रशासन चुप है। हर रोज गांव में डायरिया का प्रकोप बढ़ने के कारण भय का माहौल बना हुआ है।
ये है ग्रामीणों की मांग
इस संबंध में लोगों ने सरकार से तत्काल शिविर लगाकर गांव में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग की है। इसके साथ ही ब्लीचिंग और डीडीटी का छिड़काव करने की भी मांग की गई है। ग्रामीणों द्वारा चापाकलों के पानी की जांच कराने की मांग भी की जा रही है। दूषित पानी से बीमारी बढ़ने की आशंका के कारण गांव में लगाए गए सोलर पानी टंकियों की भी सफाई कराने की मांग की गई है।
रिम्स में चल रहा 3 का इलाज
गांव में इलाज की अच्छी सुविधा नहीं होने के कारण आधे से अधिक लोग अपना इलाज क्षेत्र से बाहर करवा रहे हैं। जहां देवलटांड पंचायत के मुखिया सिल्ली के पास सिंहपुर में इलाजरत हैं। वहीं, डायरिया से पीड़ित गांव के मुकेश प्रमाणिक, गीता देवी मुंडा और संजय प्रमाणिक का इलाज राजधानी रांची के रिम्स में चल रहा है। गांव के कुछ अन्य लोग इलाज के लिए पातकुम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ईचागढ़ गए हैं। रोजाना बढ़ते डायरिया पीड़ितों के स्वास्थ्य की डोर नर्स के हाथों में हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गांव में डायरिया का प्रकोप फैलने के बाद भी अब तक सरकारी चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं।