द फॉलोअप डेस्क
राजधानी रांची के सिविल कोर्ट परिसर स्थित एनआईए कोर्ट के जज को जान से मारने की धमकी दी गई है। यही नहीं, पत्र भेजने वालों ने जेल तोड़कर नक्सली नेताओं प्रशांत बोस और शीला मरांडी को छुड़ाने की धमकी भी दी है। इस पूरे मामले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने इस संबंध में 4 लोगों को आरोपी बनाकर केस दर्ज कर लिया है।
कोतवाली थाना प्रभारी आदिकांत महतो के अनुसार उन्हें उच्च अधिकारियों से जानकारी मिली कि एनआईए कोर्ट के जज को धमकी भरा पत्र मिला है। जानकारी मिलते ही वे कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें स्पीड पोस्ट से भेजे गए 2 लिफाफे मिले। दोनों पत्रों में अलग-अलग नाम लिखे हुए थे, लेकिन मकसद एक ही था जज की हत्या और जेल ब्रेक।
धमकी भरे पत्र में लिखा गया है कि जज पर हमला करने के लिए शूटरों को पैसा दिया जा चुका है। इसके अलावा, पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि प्रशांत बोस और शीला मरांडी को जेल से निकालने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। पत्र में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है। पुलिस ने अरुण कुमार, अनामिका इंटरप्राइजेज प्रा.लि., साकेत तिर्की और एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया है। जब पुलिस ने पत्र में दिए गए मोबाइल नंबर की जांच की, तो वह नंबर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड (JCECEB) के एक अधिकारी अरुण कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड निकला।
कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। फिलहाल यह भी देखा जा रहा है कि पत्र में जिन लोगों के नाम हैं, उनका इससे कोई संबंध है या नहीं। घटना के बाद कोर्ट परिसर और संबंधित जज की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं।