हजारीबाग
हजारीबाग समाहरणालय में बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत NTPC कोल खनन परियोजना के विस्थापितों की समस्याओं के समाधान को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के. राजू की पहल पर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशानुसार पूर्व विधायक अंबा प्रसाद की मांग पर आयोजित हुई।
बैठक में विस्थापन, पुनर्वास, मुआवजा, प्रदूषण, रोजगार, सड़क हादसे, ब्लास्टिंग से जन-जीवन पर प्रभाव, धार्मिक स्थलों के पुनर्स्थापन और अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। उतरी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए 3 से 4 समितियां गठित करने पर बल दिया। ये समितियां प्रत्येक माह क्षेत्र का दौरा कर संबंधित मुद्दों की रिपोर्ट तैयार करेंगी और समाधान के सुझाव प्रस्तुत करेंगी।
पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने बैठक में पुरानी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का मुद्दा उठाया, जिसमें प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। अंबा ने बताया कि समिति की रिपोर्ट पर NTPC और तत्कालीन उपायुक्त द्वारा हस्ताक्षर न करने के कारण वह रिपोर्ट अमान्य हो गई, जबकि उन्होंने स्वयं रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर राज्य को भेज दिया था। उन्होंने इस रिपोर्ट की अनुशंसाओं को लागू करने और एनन्युटी बढ़ाने से संबंधित समझौते को शीघ्र लागू करने की मांग की।
साथ ही, उन्होंने केरेडारी प्रखंड अंतर्गत जोरदाग क्षेत्र में अवैध रूप से बने 2.2 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए उचित मुआवजा देने और कट-ऑफ डेट में सुधार करते हुए खनन शुरू होने वाले वर्ष को ही आधार वर्ष मानने की बात कही।
आयुक्त पवन कुमार ने कहा, “विकास ज़रूरी है, लेकिन ज़मीन देने वाले स्थानीय निवासियों की समस्याओं की अनदेखी करके यह संभव नहीं। उन्हें मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास के उचित विकल्प देने होंगे।”
बैठक में उपस्थित कई विस्थापित रैयतों ने कहा कि यह बैठक NTPC के दबाव में बुलाई गई थी और वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने मांग की कि जब तक समिति की रिपोर्ट नहीं आती, तब तक NTPC का कार्य रोका जाए। उनका कहना था कि अगर एक तरफ सर्वे और रिपोर्ट की प्रक्रिया चलेगी और दूसरी तरफ खनन जारी रहेगा, तो न्याय की उम्मीद अधूरी रह जाएगी। बैठक में सांसद मनीष जायसवाल, बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उपायुक्त नैंसी सहाय, अपर समाहर्ता संतोष सिंह, NTPC के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, पंचायत मुखिया, वार्ड सदस्य समेत बड़ी संख्या में विस्थापित रैयत उपस्थित रहे।