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Ranchi : भारत में महंगाई और बेरोजगारी के लिए मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियां जिम्मेदारः अनुमा आचार्य 

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रांचीः 
आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, रांची में कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी केवल महंगाई को नियंत्रित करने में ही असफल नहीं हुए बल्कि उनकी गलत नीतियों और धोखेबाज़ी ने वास्तव में लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ने 2019 में मतदाताओं के सामने इस बात का दंभ भरा था कि खाद्यान्न दही लस्सी और छाछ जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन 2022 में उन्होंने उन्हीं वस्तुओं पर जीएसटी लगा दी। उन्होंने 2019 के चुनाव में लोगों से वोट लेने के लिए उज्ज्वला योजना का खूब प्रचार किया लेकिन चुनावों के तुरंत बाद उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए रसोई गैस पर सब्सिडी को खत्म कर दिया। रसोई गैस की कीमतों में दोगुनी से अधिक वृद्धि कर दिया जिससे करोड़ों उपभोक्ता आज अपने खाली गैस सिलेंडर को फिर से भरने की स्थिति में नहीं हैं।


अनुमा आचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों का वोट प्राप्त करने के लिए उन्हें धोखा दिया। हर कीमत पर अपने खजाने को भरने की मोदी सरकार की हताशा ने उसे अप्रत्याशित ईंधन कर लगाने के लिए प्रेरित कियाए जिससे भारतीय उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को और आघात पहुंचा है। पेट्रोल डीज़ल और एलपीजी की वैश्विक कीमतें 2021-22 की तुलना में 2013-14 में बहुत अधिक थीं लेकिन उपभोक्ता आज एक लीटर ईंधन या एलपीजी सिलेंडर के लिए यूपीए शासन काल की तुलना में कहीं अधिक भुगतान कर रहा है। कच्चे तेल और रसोई गैस की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें पिछले कुछ महीनों से कम हो रही हैंए लेकिन उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके विपरीत जब.जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में वृद्धि होती है तो ये सरकार पेट्रोलए डीजल और एलपीजी की कीमतों को बढ़ाना कभी नहीं भूलती।

 


मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियों ने बेरोजगारी की स्थिति को विनाशकारी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी कर प्रणाली पहले ही अर्थव्यवस्था को बड़ा गहरा आघात पहुंचा चुकी थी। इस सबके ऊपर मोदी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर रही हैए उनका निजीकरण कर रही है और बहुमूल्य राष्ट्रीय परिसंपत्तियां अपने पूंजीपति मित्रों को हस्तांतरित कर रही है। सरकार की युवा विरोधी नीतियों के कारण केंद्र सरकार में 10 लाख पद खाली पड़े हैं जो कि कुल स्वीकृत पदों का 24 प्रतिशत हैं।

 


विवेकशून्य अग्निपथ योजना हमारे युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं के साथ तो खिलवाड़ करती ही हैए यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक नया खतरा है। सशस्त्र बलों में शामिल होकर अपने देश की सेवा करने का सपना देखने वाले युवकों और युवतियों को 4 साल के लिए संविदा आधार पर नौकरी का प्रस्ताव दिया जा रहा हैए जिसमें पेंशन या सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।


सरकार की इन विवेकहीन नीतियों के परिणाम विनाशकारी रहे हैं। लाखों युवा निराश होकर नौकरी के बाज़ार से बाहर हो गए हैं। इस पलायन के बावजूद 20 से 24 आयु वर्ग के 42ः युवा जो अब भी नौकरी की तलाश में हैंए वे बेरोजगार हैं। इसी का नतीजा है कि पीएचडी और स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त युवा भी चपरासी जैसे कम शैक्षणिक योग्यता की ज़रूरत वाले पदों के लिए आवेदन करने के लिए मजबूर हैं।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस कठिन समय में लोगों के साथ खड़ी है। संसद से सड़क तक हमने मोदी सरकार की अक्षमता और उन दिशाहीन नीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई है जिनके कारण भारत में महंगाई और बेरोजगारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जून 2021 से अब तक हमने सात राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और जन जागरण कार्यक्रम आयोजित किए हैं ;आपके संदर्भ के लिए संलग्नक संलग्न हैंद्ध। 5 अगस्त को महंगाई के खिलाफ अपने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के बाद हम आगामी रविवार यानी 4 सितंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई पर हल्ला बोल रैली आयोजित करेंगे। हम मांग करते हैं कि सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने और रोजगार पैदा करने के अपने वादे को अविलंब पूरा करे और इसके साथ.साथ हम सभी नागरिकों से आग्रह करते हैं कि जन.विरोधी और युवा.विरोधी दृष्टिकोण को बदलने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के हमारे प्रयास में साथ आएं।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष श्री राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बन्धु तिर्की, प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा, राजीव रंजन प्रसाद, डॉ एम तौसीफ, डॉ राकेश किरण महतो उपस्थित थे।