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ठंडे बस्ते में चला गया JSSC सीजीएल पेपर लीक जांच मामला, चार्जशीट दाखिल कर भूल गई एसआईटी

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द फॉलोअप डेस्कः
जेएसएससी सीजीएल के अभ्यर्थियों का कहना है कि पेपर लीक मामले को रांची पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। 9 मई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गयी थी, लेकिन उसके बाद एसआइटी इसे भूल गयी। इस चार्जशीट में परीक्षा आयोजित करनेवाली सेटवेट एजेंसी का कोई उल्लेख नहीं है, जबकि जेएसएससी ने उक्त एजेंसी को पेपर लीक मामले में दोषी मानते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। 


28 जनवरी 2024 को परीक्षा हुई थी और पेपर लीक की प्राथमिकी 29 जनवरी को दर्ज की गयी थी, उसके बाद एसआइटी का गठन किया गया था, जिसमें तीन डीएसपी तथा अन्य दारोगा का शामिल किया गया था। बाद में इस मामले में मुख्यालय डीएसपी वन ने चार्जशीट दाखिल की। जिसमें विधान सभा के अवर सचिव मो शमीम, उनके दो पुत्र मो शहबाज इमाम व मो शहजादा उर्फ शज्जाद इमाम तथा अभिषेक राज, राहुल पियुष, सत्येंद्र कुमार व दीनानाथ उर्फ गोल्डेन को गिरफ्तार किया गया था। वहीं इस मामले में मो शमीम के दामाद मो रिजवान की भी संलिप्तता आयी थी। लेकिन आठ महीने के बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है। 


एसआइटी द्वारा अदालत में प्रस्तुत चार्जशीट से स्पष्ट होता है कि जांच अब तक अधूरी है और कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि सिर्फ सात लोगों को चार्जशीट में अभियुक्त बनाया गया है, जबकि जांच के दौरान कई छात्रों के एडमिट कार्ड भी मिले थे, जिसका चार्जशीट में कोई जिक्र नहीं है। 


21-22 को दोबारा होगी परीक्षा
सीजीएल परीक्षा दोबारा होने जा रही है। इसके लिए 21- 22 सितंबर की तिथि तय की गयी है। उसके लिए 17 सितंबर से एडमिट कार्ड भी मिलने लगेगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले वाले मामले का अब तक पूरी तरह खुलासा नहीं हो पाया है। इसलिए अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं।