logo

झारखंड DGP और एटीएस SP ने हाईकोर्ट में दी पेशी, जब्त ड्रग्स की सैंपिलंग में लापरवाही से जुड़ा है मामला

HIGHCOURTNEW.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
झारखंड हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों की सैंपिलंग में लापरवाही पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस द्वारा जब्त मादक पदार्थों की सही तरीके से सैंपलिंग न होने से आरोपियों को जमनात मिल जाती है, जिससे एनडीपीएस (नारकोटिक्स) मामलों में सजा की दर कम हो रही है। इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने राज्य के डीजीपी अनुरोग गुप्ता, एटीएस के एसपी ऋषभ झा और एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के जोनल डायरेक्टर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। 

सैंपलिंग में सुधार के लिए एसओपी बनाने का आदेश
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि राज्य सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मिलकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करें। इस एसओपी के तहत पुलिस द्वारा जब्त मादक पदार्थों की सैंपलिंग सही तरीके ले की जा सके, ताकि आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके और मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके। 
2020 का मामला बना चर्चा का कारण
यह मामला 2020 में पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा थाना क्षेत्र का है। उस समय एक स्कॉर्पियों गाड़ी से भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ था। लेकिन पुलिस ने सही तरीके से सैंपिलंग नहीं की, जिसके कारण आरोपी जमानत पर छूट गए। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होने का आदोश दिया। सुनवाई के दौरान डीजीपी ने कोर्ट को भरोसा दिया कि अदालत के निर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 20 जनवरी तय की है। 


 

Tags - Jharkhand News Jharkhand Hindi News High Court Drugs Sampling DGP ATS NCB