द फॉलोअप डेस्क, रांची
झारखंड में इन दिनों कुत्तों और सांप के काटने की घटना में इजाफा हुआ है। पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदेश के हर जिले में आवारा कुत्तों ने उत्पात मचा रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक वर्ष कुत्तों के काटने से 50 लोगों की मौत हो रही है। सर्पदंश से भी दर्जनों लोगों की मृत्यु हो रही है। हालांकि, कुत्तों के प्रकोप से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाकर उनका टीकाकरण कर रही है। बावजूद इसके सैकड़ों लोग आवारा कुत्तों का शिकार बन रहे हैं।
14,438 लोग 1 साल में कुत्तो का शिकार
स्वास्थ्य विभाग से मिले डाटा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में डॉग बाइट के 14,438 मामले आये हैं। वहीं 1162 लोग सर्पदंश का शिकार हुए हैं। कुत्तों के काटने से प्रतिवर्ष 50 लोगों की जान जा रही है तो वहीं सर्पदंश से 15 लोग मारे जा रहे हैं। इस तरह के अधिकतर मामले सरकारी अस्पतालों पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो राज्य भर में प्रतिदिन 10-15 कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जा रहा है।
सदन में आवारा कुत्तों को लेकर उठी थी आंग
आवारा कुत्तों के काटने से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए सदन में भी मामला उठ चुका है। आवारा कुत्तों से निपटने के लिए सदन में डॉग स्क्वायड की मांग की गई थी। हालांकि, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसके अलावा कुत्ते पालने वाले को लेकर भी सदन में सवाल उठाये गए थे। जांच में पाया कि 10 हजार में केवल 72 लोगों के पास ही कुत्ता पालने का लाइसेंस है। यही नहीं, शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है कि आवारा कुत्तों की संख्या कितनी है।
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