द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में ऑनलाइन ऑर्डर के बाद 24 घंटे में बालू की होम डिलिवरी (Home Delivery) की जायेगी। खान व भूतत्व विभाग (Mines and Geology Department) की और से इसकी घोषणा करते हुए कहा गया कि जल्दी ही इस योजना की शुरुआत कर दी जायेगी। इसके लिए तैयारी चल रही है। कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर के लिए वेब पोर्टल बनाया जा रहा है कि बालू खनन के लिए घाटों की नीलामी की तैय़ारी की जा रही है। कुछ स्थानों पर घाटों की नीलामी हो भी चुकी है। कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने सरकार की 4 वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बालू की होम डिलिवरी के बारे में जानकारी दी।
तेलंगाना की तर्ज पर बन रही है योजना
अबू बकर सिद्दिकी ने बताया कि राज्य में झारखंड खनिज विकास निगम द्वारा तेलंगाना राज्य की तर्ज पर काम किया जा रहा है। कहा, झारखंड में भी सैंड टैक्सी पोर्टल को मार्च 2024 तक लागू किया जायेगा। पोर्टल में पंजीकृत ट्रैक्टर वाहनों के मालिकों / नागरिकों और उपभोक्ताओं को बालू का ऑर्डर देने के 48 घंटे के अंदर बालू गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जायेगा। वर्तमान में 14 खनिज ब्लॉकों को नीलामी के लिये तैयार किया गया है। कहा कि झारखंड में पहली बार झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी 2017 के तहत कुल 351 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया निगम के द्वारा उपायुक्त के माध्यम से की जायेगी।
माइंस सर्विलांस सिस्टम से अवैध खनन रोकने की कवायद
सचिव ने कहा कि डीएमएफटी फंड में कुल 11 हजार 960 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें से 5978 करोड़ रुपये विभिन्न विकास योजनाओं पर व्यय किये गये हैं। 2023-24 में कुल 3 कोयला खदानों की नीलामी की गयी है। साथ ही गैर कोयला खदानों में अभी तक कुल 10 खनिज ब्लॉक खदानें नीलाम की जा चुकी हैं। जिसमें लौह, स्वर्ण, चूना पत्थर और बॉक्साइट आदि की खदान हैं। अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए माइंस सर्विलांस सिस्टम फॉर माइनर मिनरल लागू किया जा रहा है। इसके तहत सेटेलाइट से अवैध खनन पर नजर रखी जायेगी। इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गोड्डा और पाकुड़ में लागू किया जा रहा है।