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बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी है। अदालत ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। शुक्रवार की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव के समय ही केस क्यों किया जा रहा? वहीं कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच के लिए कमिटी बन जाती है तो हानि क्या है? झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वर्चुअल जुड़े सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने झारखंड सरकार की ओर से दलील पेश करते हुए कहा कि झारखंड में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें इस मुद्दे का इस्तेमाल पॉलिटिकल एजेंडा के रूप में किया जा रहा है।

हाइकोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में जो शपथ पत्र दाखिल किया है, उसमें झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के संबंध में कोई डाटा नहीं है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामला पेंडिंग है। हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि अगर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बन जाती है तो क्या दिक्कत है? केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र ने अंतिम जनगणना के आधार पर जो डाटा पेश किया है, उससे साफ है कि संथाल परगना में आदिवासियों की संख्या में कमी आई है।

30 सिंतबर को बैठक प्रस्तावित

इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया था कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामलों की जांच के लिए केंद्र सरकार और झारखंड सरकार की ओर से संयुक्त रूप से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की जाएगी। इस मामले में 30 सितंबर तक केंद्र सरकार के गृह सचिव एवं झारखंड के मुख्य सचिव की बैठक प्रस्तावित है। प्रस्तावित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का उद्देश्य झारखंड के देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा में अवैध घुसपैठियों की पहचान और ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की व्यवस्था के बारे में सरकार को सुझाव देना है।

किसने दर्ज कराया मामला

बता दें कि झारखंड में घुसपैठ कर संथाल परगना इलाके में लैंड जिहाद किए जाने की जांच की मांग को लेकर जमशेदपुर के रहने वाले दानयल दानिश ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि कहा गया है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं। इससे इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं। स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाया जा रहा है।

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