द फॉलोअप डेस्क
झारखंड की चर्चित रिबिका हत्याकांड मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया है। जिनमें पति आमिर हुसैन, महताब और गुलेरा शामिल हैं। सभी मुख्य अभियुक्त दिलदार अंसारी के रिश्तेदार हैं। हालांकि अदालत ने इन्हें शर्त के साथ जमानत दी है। बता दें कि यह अहम फैसला हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने दिया है।
रोज थाना में आकर हाजिरी लगानी होगी
अदालत ने इन्हें जमानत देते हुए शर्त रखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि इनलोगों को रोज थाना में आकर हाजिरी लगानी होगी। वहीं 25-25 हजार के दो निजी मुचलके भरने होंगे। आरोपियों ने इस मामले में जमानत याचिका की अपील की थी जिस पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की। आरोपियों की तरफ से वकील रोहन मजूमदार ने बहस की और जमानत देने की मांग की थी।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
1. मुस्तकीम अंसारी 2. दिलदार अंसारी 3. मरियम निशा 5. गुलेरा खातुन 4. सरैजा खातुन 5. गुलेरा खातुन 6. महताब अंसारी 7. आमिर अंसारी 8. मैनूल एक 9. शहर बानो, 10. जरीना बीबी 11. मैनुल असारी
क्या है पूरा मामला
रिबिका की 16 दिसंबर को हत्या हुई। उसके लापता होने की सूचना बोरियो थाने में दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर सुषमा कुमारी कर रही थी। 17 दिसंबर की शाम 4 बजे के आसपास पुलिस को सूचना मिली कि बोरियो संथाली के निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र के पास कुछ कुत्ते मानव अंग को नोंच-नोंच कर खा रहे हैं। पुलिस पहुंची तो शव के कई टुकड़े दिखाई पड़े। पहचान के लिए दिलदार अंसारी को बुलाया गया। आंगनबाड़ी केंद्र के पास पड़े पैर के टुकड़े की ऊंगली में लगे नेल पॉलिश से उसने अपनी दूसरी पत्नी रिबिका उर्फ रिबिका पहाड़िन की पहचान की। शव को कई टुकड़ों में काटकर फेंका गया था। रिबिका पहाड़िन के आदिम जनजाति समुदाय और अलग धर्म की महिला होने के कारण दिलदार के घरवाले उसे पसंद नहीं करते थे। दिलदार ने रिबिका को कुछ समय बेंगलुरु ले जाकर रखा।
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