द फॉलोअप डेस्क
हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस दिन को झारखंड राज्य की स्थापना के तौर पर मनाया जाता है, जब 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड एक स्वतंत्र राज्य बना। इस ऐतिहासिक दिन का महत्व सिर्फ राजनीतिक नहीं है; यह झारखंड की सांस्कृतिक पहचान, आदिवासी धरोहर, और स्थानीय समुदायों के संघर्ष का प्रतीक भी है।
झारखंड स्थापना दिवस बिरसा मुंडा की जयंती के साथ मनाया जाता है। आज उनकी 150 वीं जयंती है। वे स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी याद में झारखंड के लोग इस दिन को गर्व और सम्मान के साथ मनाते हैं। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करते हुए आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान तक दे दी, और उनकी जयंती पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
हर साल इस दिन, राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, पारंपरिक नृत्य और संगीत शामिल होते हैं। इस साल भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोकर स्थित बिरसा समाधि स्थल पर जाकर पारंपरिक रूप से श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देंगे। राज्यपाल संतोष गंगवार भी आज बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देंगे।
झारखंड स्थापना दिवस राज्य की पहचान, इसके संसाधनों, आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति और स्थानीय जनता की जुझारू भावना का प्रतीक है। यह दिन झारखंड की यात्रा को समझने और इसके विकास में भागीदार बनने का अवसर भी प्रदान करता है, जिससे यह राज्य आगे बढ़कर आत्मनिर्भर और समृद्ध बने।