हेमंत सोरेन विधानसभा के बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे। दरअसल पीएमएलए की कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। दरअसल कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में हेमंत सोरेन ने बजट सत्र में भाग लेने की अनुमित मांगी थी। मालूम हो कि बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। बुधवार को हेमंत सोरेन की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा था। उन्होंने कोर्ट में कहा कि बजट सत्र में वित्तीय बिल पेश होना है। ऐसे में हेमंत सोरेन का उपस्थित होना अनिवार्य है।
क्या दी गई दलील
बुधवार को हुई सुनवाई में हेमंत सोरेन के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि भले ही मुख्यमंत्री पद से हेमंत सोरेन हट गए हों, लेकिन अभी भी वह विधायक हैं। इसलिए उन्हें बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए। वहीं, ईडी के वकील ने दलील देते हुए कहा कि न्यायिक हिरासत में संवैधानिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में हेमंत सोरेन को बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति देना सही नहीं होगा। इसके साथ ही ईडी ने दलील देते हुए ये भी कहा कि जो ट्रायल कोर्ट होता है, उसको इस मामले में न्याय देने का अधिकार भी नहीं है।
विशेष सत्र में भाग लेने की मिली थी अनुमति
दरअसल कोर्ट में दी गई अर्जी में बताया गया था है कि 23 फरवरी को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसकी कार्यवाही राज्य और उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कार्यवाही में उनका भाग लेना आवश्यक है। कोर्ट से इसके लिए अनुमति देने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि इसके पहले हेमंत सोरेन को 5 फरवरी को चंपई सोरेन सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति कोर्ट ने दी थी। जिसके बाद उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया था।
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