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हेमंत सोरेन की सरकार ने भ्रष्टाचार को बना दिया शिष्टाचार : सुदेश महतो

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द फॉलोअप डेस्क

हेमंत सोरेन सरकार का काम और विकास के दावे सिर्फ सरकारी खंभों में लटके नजर आते हैं। इन सबके बीच सरकार कुछ ऐसा एजेंडा सेट करती है जिसमें जनता के बीच भ्रम, संशय और उलझन कायम रहे। झारखंड के मुद्दे,  विचार, विषय और जनभावना से सरकार का कोई वास्ता नहीं है। यही वजह है कि जनता सरकार से नाखुश और निराश है। यह बातें आजसू पार्टी के सुप्रीमो सदेश महतो ने कही। वह हजारीबाग में आयोजित लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस के नेता सिद्धार्थ शंकर राय समेत कई नेताओं ने आजसू पार्टी का दामन थामा।

चेहरा बचाए रखने का राजनीतिक औजार है 1932

सुदेश महतो ने कहा कि हेमंत सरकार 1932 को लेकर सबसे बड़ा हिमायती होने का दंभ भरती रही,  लेकिन उनकी गलत नीति की वजह से यह लागू नहीं हो पाया। दरअसल 1932 कांग्रेस और जेएमएम के लिए खुद का चेहरा बचाए रखने का राजनीतिक औजार है, लेकिन आजसू के लिए यह संकल्प और प्रतिबद्धता है। आजसू प्रमुख ने शासन-प्रशासन के कामकाज पर जमकर हमला बोला। स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, सिंचाई पेयजल ग्रामीण विकास और कृषि के हालात पर सरकार की बखिया उधेड़ी।

राज्य का दर्द ये लोग क्या जानें

 सुदेश ने कहा कि जिन्होंने कभी पसीना नहीं बहाया वे सत्ता की बागडोर संभाल रहे। जाहिर है वे राज्य का दर्द क्या जानेंगे। हमें अपने झारखंड को प्रयोग का नहीं उपयोग का और गतिमान बनाना है।‌ उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।  जिस वजह से पढ़ाई का स्तर गिर गया है। गरीब के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं मिलने के चलते उन सभी बच्चों का भविष्य अंधकार में है। गरीब बच्चों के भविष्य से यह सरकार खिलवाड़ कर रही है।