द फॉलोअप डेस्कः
जेल में बंद हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में आज सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने ईडी के अधिवक्ता को 10 जून से पूर्व शपथ पत्र दायर करने को कहा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को ही जामनत याचिका दायर की थी। और जल्द से जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। बता दें कि ये सुनवाई न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में हुई।
क्या कहा है याचिका में
हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी ने जो उनके खिलाफ जमीन कब्जे का जो आरोप लगाया वह पूरी तरह से निराधार है, बेबुनियाद है। बड़गाई की 8.86 एकड़ जमीन भुईंहरी जमीन है। जिसे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। जमीन का मालिकाना अधिकार भी उनके पास नहीं है और न ही जमीन के किसी दस्तावेज में उनका नाम है। इसके बावजूद ईडी उस जमीन पर उनके द्वारा कब्जे का आरोप लगाया है।
याचिका को वकील ने सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया था
बता दें कि इसके पहले उन्होंने सिविल कोर्ट से आग्रह किया था कि उन्हें जमानत दी जाए, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद हेमंत सोरेन झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे और कहा कि ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी अवैध है। झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी बीच, हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और जमानत देने का आग्रह किया। हेमंत सोरेन के वकील और ईडी के वकील की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई कि वकील कपिल सिब्बल ने केस से जुड़े तथ्य छुपाए हैं। इसलिए जज ने कहा कि वह याचिका को खारिज करने जा रहे हैं। इस पर कपिल सिब्बल ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए याचिका वापस को वापस ले लिया।