द फॉलोअप डेस्क, रांची
भाजपा नेता और पूर्व विधायक अमित मंडल ने कहा कि रांची के ग्रामीण एसपी ने विभिन्न कांडों का निष्पादन करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। रांची के ग्रामीण इलाकों के थानों में पदस्थापित 72 अनुसंधान पदाधिकारियों (आईओ) को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने पांच महीने से कांडों का निष्पादन करने में लापरवाही बरती है। उन्होंने रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के बयान का हवाला देते हुए कहा कि एसएसपी ने थानेदार बनने के लिए जुगाड़ तकनीक का इस्तेमाल करने वाले अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर निलंबित करने की बात की थी। इसके माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार पुलिस प्रशासन पर ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर दबाव बना रही है।
अमित मंडल ने आरोप लगाया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के जरिए आने वाले अधिकारी अपने राजनैतिक आकाओं के इशारे पर काम करते हैं, जिससे वे कांडों के अनुसंधान और निष्पादन में कोई रुचि नहीं लेते। इसका परिणाम यह होता है कि अपराध बढ़ते हैं और पीड़ितों को समय पर न्याय नहीं मिलता। इसके साथ ही अपराधियों का मनोबल भी ऊंचा होता है।
अमित मंडल ने यह सवाल उठाया कि क्या रांची के 72 आईओ पर कार्रवाई करने का कारण उनके ट्रांसफर और पोस्टिंग में सिफारिशों का हस्तक्षेप था? साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पूरे राज्य में पुलिस विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग में मंत्री और नेताओं का दबाव रहता है, जिससे पुलिस स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रही है। मंडल ने पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि भाजपा राज्य सरकार से जनता की सुरक्षा और सुशासन की मांग करती है।