द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार खनिज एक्सपोर्ट करने वाले झारखंड को मादक पदार्थ एक्सपोर्ट करने वाला राज्य बनाने की तैयारी में है। नशे के कारोबार को रोकने के प्रति सरकार की उदासीनता ने युवाओं को नशे के दलदल में धकेल दिया है। राज्य में पिछले कुछ सालों में नशे का कारोबार काफी तेजी से फल फूल रहा है। सरकार का संरक्षण प्राप्त ड्रग माफियाओं और पेडलरों ने अपना जाल विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय से लेकर खेल के मैदान और हर चौक चौराहों तक फैला लिया है। राज्य में अवैध रूप से फलता-फूलता नशे का कारोबार और नशे के सौदागरों की सक्रियता चिंता का विषय है।ये सभी बातें युवा आजसू के राज्य संयोजक गौतम सिंह ने आजसू पार्टी केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। युवा आजसू इस गंभीर विषय को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, मगर जिला प्रशासन उदासीन बना रहा।
26 सितंबर को देंगे धरना
उन्होंने बताया की अब युवा आजसू सड़क पर आंदोलन के माध्यम से आवाज बुलंद करने जा रही है। बढ़ते नशे के कारोबार पर पूर्णतः रोक लगाने को लेकर हम 'एक युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान चलाएंगे। इस अभियान के तहत युवा आजसू आगमी 26 सितंबर को राजभवन के समक्ष धरना देगा। नशे के कारोबार पर रोक लगाने में पुलिस पूरी तरह से विफल रही है। झारखंड हाईकोर्ट ने कई बार मौखिक निर्देश दिए हैं कि मादक पदार्थों की बिक्री, नशे के सौदागरों की सक्रियता और युवाओं को नशे के दलदल में फंसने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके बावजूद पुलिस नशे के सौदागरों और उनके सिंडीकेट पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है, जो सरकार की इस मामले के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया को दिखलाता है।
सरकार नहीं दे रही रोजगार
नशे के सौदागरों की युवाओं तक आसानी से पहुंच का मूल कारण राज्य में व्याप्त बेरोजगारी और युवाओं में बढ़ती निराशा का वातावरण है। सरकार न तो रोजगार दे पा रही है और न ही नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगा पा रही है। सरकार युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने को आमादा है।प्रेस वार्ता के दौरान युवा आजसू के प्रदेश संयोजक अब्दुल जब्बार, गदाधर महतो, अतीस महतो, नीरज वर्मा, नीतीश सिंह, ज्योत्सना केरकेट्टा, अभिषेक शुक्ला, प्रशांत पाठक और विशाल कुमार उपस्थित रहें।