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किडनी मरीजों के लिए अच्छी खबर, अब पीएचसी में भी होगी डायलिसिस की सुविधा

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के किडनी मरीजों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम के तहत स्वास्थ्य विभाग अब राज्य भर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यानि पीएचसी स्तर तक डायलिसिस सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने किडनी मरीजों की बढ़ती संख्या एवं डायलिसिस में हो रही परेशानियों को देख पीएचसी, सीएचसी, रेफरल अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पतालों में डायलिसिस सेवा केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। इन केंद्रों में बीपीएल मरीजों को जहां मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मिलेगी, वहीं एपीएल मरीजों को बहुत कम राशि में यह सुविधा मिलेगी। फिलहाल संजीवनी द्वारा संचालित 16 जिलों में एपीएल मरीजों से 1206 रुपए और एजेंसी डीसीडीसी द्वारा संचालित आठ जिलों में 1046 रुपए लिए जाते हैं। 


पीएमएनडीपी कोषांग प्रभारी डॉ अश्विनी कुमार ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन से वैसे सीएचसी, पीएचसी, रेफरल हॉस्पिटल व एसडीएच की सूची मांगी है, ताकि डायलिसिस सेवा केंद्र स्थापित किए जा सकें। कहा है कि डायलिसिस केंद्र की स्थापना वहीं हो, जहां जगह हो। राज्य के आठ सदर अस्पतालों में डायलिसिस सेवा केंद्र का संचालन कर रही एजेंसी डीसीडीसी हेल्थ केयर सर्विस का कार्यकाल बीते माह समाप्त हो चुका है। मरीजों के हित को देखते हुए फिलहाल उसे अवधि विस्तार देते हुए अपर मुख्य सचिव ने राज्य स्तर से निविदा के माध्यम से नई एजेंसी के चयन का निर्देश दिया है। निविदा निष्पादन तक एजेंसी को अवधि विस्तार दिया गया है। 



फिलहाल राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं सभी सदर अस्पतालों में पीपीपी मोड पर डायलिसिस सेवा केंद्र का संचालन किया जा रहा है। तीन एजेंसियों के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। 16 जिलों में जहां संजीवनी, वहीं आठ जिलों में डीसीडीसी नामक एजेंसी के माध्यम से ये केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा घाघरा, पालकोट और लातेहार के साथ ही संत बरनवास अस्पताल में भी डायलिसिस केंद्र का संचालन हंस फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।