दुमका:
अपने बयानों की वजह से अक्सर ही सुर्खियां बटोरने वाले गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) ने फिर कुछ ऐसा कहा है कि प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल पैदा हो गई है। गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे ने दावा किया है कि दुमका (Dumka) और बरहेट (Barhait) विधानसभा सीट पर जल्दी ही उपचुनाव होंगे। दरअसल, दुमका से इस वक्त जहां बसंत सोरेन (Basant Soren) विधायक हैं तो वहीं बरहेट विधानसभा सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) विधायक हैं। दोनों भाई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक बसंत सोरेन से जुड़ा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला चुनाव आयोग में विचाराधीन है।
दुमका और बरहेट में उपचुनाव का दावा
दरअसल, मंगलवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे दुमका परिसदन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द दुमका और बरहेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं (BJP worker) को अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए ताकि इस प्रदेश से राजतंत्र को उखाड़ फेंका जा सके। निशिकांत दुबे ने सोरेन परिवार पर निशाना साधते हुए ये बातें कहीं। बयानवीर निशिकांत दूबे के इस दावे में कितना दम है ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन प्रदेश की सियासत में फिलहाल हलचल तय है। देखना दिलचस्प होगा कि सत्तापक्ष इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।
18 अगस्त के बाद आ सकता है फैसला
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 18 अगस्त के बाद कभी भी केंद्रीय निर्वाचन आयोग (Central Election Commission) का फैसला आ सकता है। इस बीच, मंगलवार को आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में पेशी के लिए दुमका कोर्ट पहुंचे निशिकांत दुबे ने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग क्या फैसला देगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन जिस प्रकार बीजेपी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में कोर्ट गई।
कानून के जानकारों से मिले फीडबैक के आधार पर मैं कह सकता हूं कि सीएम हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर जल्द कार्रवाई होगी। ऐसे में अक्टूबर या नवंबर में दुमका और बरहेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर क्या आरोप है!
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ अनगड़ा में खनन पट्टा का लीज हासिल करने का आरोप है। आरोप है कि खनन विभाग मुख्यमंत्री के मातहत है। वन विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही है। खनन पट्टा का लीज लेने के लिए वन विभाग की एनओसी चाहिए होती है, ऐसे में उन्होंने खुद को एनओसी दी। वहीं, मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया है कि उन्होंने कभी खनन पट्टा लीज पर लिया था लेकिन अब वो उनके पास नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसका रिन्युअल नहीं कराया।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के छोटे भाई औऱ दुमका विधायक बसंत सोरेन पर खनन कंपनी में पार्टनरशिप लेने का आरोप है। मामला चुनाव आयोग में विचाराधीन है और 18 अगस्त को फैसला आना है। शायद इसी को लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे उत्साहित हैं। दावा कर रहे हैं लेकिन इसकी हकीकत वक्त बताएगा।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को तैयार रहना चाहिए!
दुमका में प्रेस वार्ता के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को अभी से चुनाव की तैयारी में जुट जाना चाहिए। तभी जीत सुनिश्चित होगी। निशिकांत दूबे ने कहा कि प्रदेश में एक परिवार राजतंत्र की तरह शासन कर रहा है। इसे उखाड़ फेंकना होगा।
निशिकांत दुबे ने ये तक कह दिया है कि मैं पार्टी से आग्रह करूंगा कि मुझे दोनों सीट पर जीत की रणनीति बनाने के लिए पर्याप्त जगह दी जाये। पार्टी के वरीय नेताओं का भी सहयोग लूंगा। अब ये निशिकांत दूबे का आत्मविश्वास है या अति आत्मविश्वास, ये भी वक्त ही बताएगा। 18 अगस्त आने दीजिए। सब साफ हो जायेगा।