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‘सपनों की उड़ान’ कार्यक्रम को लगे पंख, खूंटी की 10 बच्चियों ने JEE-MAIN 2023 में किया क्वालिफाई

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द फॉलोअप डेस्क

सपनों की उड़ान कार्यक्रम से जुड़कर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही खूंटी की कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के दस बच्चियों ने JEE-MAIN 2023 क्वालिफाई किया। ये उपलब्धि डीसी शशि रंजन की पहल पर शुरू किये गए सपनों कि उड़ान कार्यक्रम का सफल परिणाम है। वहीं, JEE-MAIN में 10 छात्राएं उपलब्धि हासिल कर अन्य छात्राओं के लिए भी उदाहरण बनी है। इधर, परिणाम के बाद खूंटी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, परिवार, वार्डन, शिक्षिका, सभी बच्चियों में खुशी का माहौल है। जानकारी के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2021-23 में द्वितीय फेज में इंजीनियरिंग के लिए 18 एवं मेडिकल के लिए 39 कुल 57 छात्राएं नामांकित हैं। जिसमें इंजीनियरिंग की 10 छात्राओं ने JEE Mains की परीक्षा उत्तीर्ण की है। जिसमें एलिसा हास्सा, सोहनी बाखला, एजेंल सियोन तोपनो, मेरी कण्डुलना, सरस्वती कुमारी, सुचिता सुरीन, पुष्पा कण्डुलना, संतोषी कुमारी, श्रुति कुमारी और निशा कुमारी शामिल हैं।

छात्राओं को सुदृढ शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत खूंटी के छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल का परिणाम अब सकारात्मक रूप से प्रदर्शित हो रहा है। इस पहल में "सपनो की उड़ान" कार्यक्रम के माध्यम से जिले के छात्राओं के लिए सुदृढ शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास है। इसके लिए खूंटी जिला के कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय के 11वीं एवं 12वीं की छात्राओं को भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान एवं गणित विषयों में सुदृढ़ करते हुए आईटीआई एवं मेडिकल परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के उद्देश्य से ऑनलाइन-ऑफलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। इन छात्राओं को जिला प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग कर उन्हें आई.आई.टी व मेडिकल की तैयारियों के लिए अग्रसर किया जा रहा है। बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा उक्त छात्राओं को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कालामाटी में JEE Advance की परीक्षा की तैयारी करायेगी। तथा सभी छात्राओं के Counseling में आवश्यक सहयोग प्रदान करते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन दाखिला का प्रयास करेगी। जिला प्रशासन इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।

सपनों की उड़ान कार्यक्रम से जुड़कर उम्मीदों को पंख लगे हैं- छात्रा

JEE-MAIN  में उत्तीर्ण हुई छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किये।  उन्होंने कहा कि किस प्रकार सपनों की उड़ान अभियान से जुड़कर डीसी के निरंतर सहयोग और इस पहल से उन्होंने अपने उज्ज्वल भविष्य का सपना देखा। इस दौरान छात्रा निशा कुमारी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा कि ये सपना पूरा होना संभव होगा। उन्होंने बताया कि उनके घर से वो पहली इंजीनियर बनेगी। उन्होंने जिला प्रशासन की इस पहल पर आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही एंजल बताती हैं कि सूदुर क्षेत्र से निकलकर आज JEE क्वालिफाई किया है, ये मेरे लिए उपलब्धि है और ये आत्मविश्वास अब बढ़ता ही जायेगा।

कार्यक्रम से जुड़कर पता चला कैसे करनी है तैयारी

इस दौरान छात्राओं ने कहा कि सपनों की उड़ान कार्यक्रम से जुड़कर ये पता चला कि तैयारी किस प्रकार करनी है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत करने का हौसला मिला। कहा कि सपने देखना जरूरी है, तभी सपनों को पूरा करने की राह मिलेगी। उन्होंने अपने जैसी और छात्राओं को भी इस अभियान से जुड़कर अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर होने और अपने सपनों को पूरा करने का संदेश दिया।

डीसी की नई सोच का सकारात्मक परिणाम

बताया गया कि खूंटी जिले के भौगोलिक परिवेश को देखते हुए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली, आर्थिक रूप से पिछड़ी, अनाथ एवं एकल अभिभावक छात्राओं की शिक्षा में अपेक्षित प्रगति एवं बालिकाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से डीसी महोदय की नई सोच के क्रियान्वयन एवं दिशा निर्देश में आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतर्गत "सपनों की उड़ान " कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। डीसी द्वारा निरंतर स्वयं बालिकाओं से मिलकर उनके बेहतर भविष्य के लिए, उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित हो रहा है।

सपनों की उड़ान कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण एवं नवाचार आधारित कार्यक्रम

सपनों की उड़ान कार्यक्रम जिले का एक बेहद महत्वपूर्ण एवं नवाचार आधारित कार्यक्रम है। जिला प्रशासन के सहयोग से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के कक्षा 12वीं के विज्ञान संकाय में नामांकित छात्राओं के लिये मेडिकल एवं इंजीनियरिंग संस्थानों में नामांकन की तैयारी हेतु निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके तहत् प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान करियर प्वायंट, कोटा, राजस्थान के राँची शाखा के माध्यम से छात्राओं को कोचिंग कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम के संचालन से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहनेवाली आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर प्राप्त हुआ है।

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