रांचीः
झारखंड में राज्य सभा का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। सत्ताधारी दल के अंदर राज्य सभा चुनाव की हलचल को महसूस किया जा सकता है। पूरे राज्य में उम्मीदवारी की दावेदारी पर मंथन का दौर जारी है। कांग्रेस ने गठबंधन के अंदर पहली वरीयता के उम्मीदवारी का दावा पेश किया है। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का कहना है कि गठबंधन के अंदर सबको मिलकर फैसला करना होगा। कांग्रेस का दावा जरूर बनता है और इसके अनुरूप लगातार बातचीत भी चल रही है।
फुरकान अंसारी ने किया दावा
इधर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने अपना दावा पेश किया है। उन्होंने अपना आवेदन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल सहित आला नेताओं को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने मेरा पॉलिटिक्ल कैरियर खत्म करने की साजिश की थी़ लोकसभा चुनाव से हमें दूर रखा गया। तब राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया था कि मुझे राज्यसभा भेजा जायेगा। ऐसे में इस सीट पर मेरा हक बनता है। अगर पार्टी विचार नहीं करेगी, तो अच्छा नहीं होगा। भाजपा ने एमजे अकबर, मुख्तार अब्बास नकवी को भेजा है। भाजपा दो-दो अल्पसंख्यक को भेजती है और कांग्रेस एक को नहीं भेज पा रही है।
बेटे ने भी पिता का लिया पक्ष
इधर जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी भी अपने पिता फुरकान अंसारी का पक्ष लेते दिख रहे हैं। इरफान अंसारी ने भी अपने पिता फुरकान अंसारी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने की मांग कर दी है। उनका दावा है कि फुरकान अंसारी को उम्मीदवार बनाने के लिये पार्टी के 14 विधायकों ने सहमति जताई है। अल्पसंख्यक वोट बैंक के बीच सबसे बड़ी आबादी अंसारी समाज के साथ न्याय करने की जरूरत है। 24 या 25 मई को कांग्रेस के विधायक सोनिया गांधी से इस मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिये समय मांगेंगे।