गढ़वाः
आदमखोर तेंदुआ को मारने की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। तेंदुआ का लोकेशन नहीं मिल पा रहा है। वन विभाग की टीम गढ़वा, भंडरिया, रंका, चिनिया, रमकंडा के जंगलों में तेंदुआ को खोज रही है लेकिन तेंदुआ मिलने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 1 महीने में तेंदुआ ने कोई शिकार नहीं किया है। तेंदुआ को पकड़ने के लिए हैदराबाद से आए मशहूर शूटर नवाब शपथ अली खान और संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपर्ट वापस चले गए हैं। नवाब शपथ अली खान 3 जनवरी से गढ़वा में कैंप कर रहे थे जबकि संजय टाइगर रिजर्व के एक्सपोर्ट एक पखवाड़े पहले इलाके में पहुंचे थे।
फिर से प्रस्ताव तैयार नहीं होगा
तेंदुआ एक के बाद एक मानव का शिकार कर रहा था जिसके बाद पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने तेंदुआ को शर्तों के साथ मारने की अनुमति दी थी। तेंदुआ को मारने की डेडलाइन 31 जनवरी थी। शर्तों में कहा गया था कि तेंदुआ को पहले ट्रेंकुलाइज किया जाएगा। ट्रेंकुलाइज के दौरान परिस्थिति विपरीत हुई तभी तेंदुआ को मारा जाएगा। तेंदुआ को पकड़ने या मारने के लिए इलाके में 50 से अधिक ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए थे। हालांकि 28 दिसंबर 2022 के बाद तेंदुआ ने किसी को नहीं मारा है। अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ का लोकेशन नहीं मिल रहा है। तेंदुआ किस इलाके में है अभी फिलहाल स्पष्ट नहीं है।फिलहाल विभाग तेंदुआ को मारने के लिए फिर से प्रस्ताव तैयार नहीं करेगा।
ट्रैकुलाइज कर पकड़ा जाएगा तेंदुआ को
बता दें कि तेंदुआ को सिर्फ ट्रैकुलाइज कर पकड़ा जा सकेगा। पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने तेंदुआ को मारने के लिए कई शर्तों को लागू किया था। ऐसी संभावना है कि तेंदुआ को पहले ट्रैकुलाइन किया जाएगा या केज के माध्यम से पकड़ा जाएगा। तीन बच्चों की जान लेने के बाद वन विभाग ने तेंदुआ को मारने की अनुमति मांगी थी। तेंदुआ को पकड़ने के लिए 50 से अधिक कैमरा लगाया गया है, जबकि छह विभिन्न इलाकों में केज लगाए गए हैं।