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रांची : शिक्षा मंत्री ने बिहारी पत्रकारों को बोरिया बिस्तर समेटकर बिहार जाने की दी नसीहत

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रांचीः
झारखण्ड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बिहारी पत्रकारों को बोरिया बिस्तर समेट कर बिहार चले जाने की नसीहत दी है। बोकारो में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने ऐसा कहा है. जैसा कि आप सबों को पता है कि झारखण्ड में फ़िलहाल 1932 खतियान लागु करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। पिछले दिनों झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र में भी ये मुद्दा खूब उठा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी विधानसभा में यह बोल चुके हैं कि क़ानूनी रूप से 1932 के आधार पर नियोजन नीति लागु नहीं किया जा सकता है। जब मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन के इस बयान पर खूब बवाल हुआ तो उन्होंने दूसरे दिन कहा कि जनभावना के अनुरूप ही स्थानीय और नियोजन नीति बनेगी। 


1932 खतियान पर अड़े हैं मंत्री 
 शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लगातार 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति लागु करने के पक्ष में खड़े रहे हैं. बोकारो में पत्रकारों ने उनसे जब पूछा कि क्या 1932 के आधार पर ही स्थानीय और नियोजन नीति बनेगी तो उन्होंने फिर इस बात को दोहराया कि स्थानीय नीति तो 1932 के आधार पर ही बनेगी। जगरनाथ महतो ने इसके पीछे यह तर्क दिया कि बिहार में 1932 के आधार पर स्थानीय नीति बनी है इसलिए झारखण्ड में भी वही आधार होगा।

 
जितनी जल्दी हो सकें चले जाएं 
जब पत्रकार ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि तो मुख्यमंत्री का स्टैंड क्यों नहीं क्लियर है।  इसपर शिक्षा मंत्री ने पत्रकार से पूछा - आपको काहे इतना चिंता है। आप बिहारी हैं का. पत्रकार ने भी पलटकर जवाब दिया कि हाँ मैं बिहारी हूँ।  क्या बिहारी होना गुनाह है।  इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम तो कहेंगे कि जितना जल्दी हो ई माइक वाइक लेकर जल्दी चले जाइये उधरे, अच्छा रहेगा।