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Ranchi : किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ देने का प्रयास शुरू, जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन

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रांचीः
कृषि विभाग ने झारखंड के कृषकों को योजनाओं का सीधा लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत उत्पादक संगठनों एवं जेएसएलपीएस द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों से अनुरोध किया गया है कि 08 मार्च को अन्तररार्ष्ट्रीय महिला दिवस पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (कृषि प्रभाग), झारखंड सरकार द्वारा प्रत्येक जिला मुख्यालय में एफपीओ तथा महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रगतिशील महिला कृषकों की जिलास्तरीय कार्यशाला आयोजित जा रही है।

कार्यशाला में दी जाएगी योजना की जानकारी
कार्यशाला में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें कुल 4540 क्रियाशील महिला सदस्य भागीदारी करेंगी। विभाग का प्रयास है कि राज्य में गठित एफपीओ एवं जेएसएलपीएस द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के कृषकों को विभागीय योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाया जाए, ताकि बिचौलिए को समाप्त किया जा सके। 

प्रधानमंत्री कृषि योजना का लाभ मिलेगा
कृषि विभाग द्वारा जिलास्तर पर वैसे सभी योग्य एफपीओ एवं जेएसएलपीएस द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विभागीय योजनाओं का लाभ पैकेज योजना के रूप में प्रदान किया जाएगा। पैकेज योजना का तात्पर्य यह है कि जिन महिला कृषकों की उद्यान निदेशालय से सब्जी बीज, फूल खेती हेतु मलचिंग या पॉली हाऊस उपलब्ध कराया जाएगा, उन्हें अनिवार्य रूप से कृषि निदेशालय से संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ दिया जाएगा।

सब्जी की खेती हेतु बीज भी मिलेगा
इसमें अनुदान की राशि 90 एवं 80 प्रतिशत है। उसी प्रकार जिन महिला कृषकों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा, उनको सब्जी खेती हेतु बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरह के प्रयास से ऐसे एफपीओ की आय में आशातीत वृद्धि होगी एवं आर्थिक रूप से महिला समूह सशक्त होंगे। साथ ही उत्पादकता में भी वृद्धि परिलक्षित होगी।

क्या कहतीं है कृषि निदेशक
इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि निदेशक निशा उरांव ने बताया है कि महिला किसानों के सशक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा खास पहल की जा रही है। इसके तहत महिला प्रधान एफपीओ और एसएचजी की कृषि और उद्यान निदेशालय की योजनाओं के साथ मैपिंग की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इनको योजनाओं के लाभ के साथ हैंडहोल्डिंग और प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि ये आत्मनिर्भर बन सकें ।