द फॉलोअप डेस्क, रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांके स्थित सत्ताधारी दल के विधायकों की मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बीच वहां कल्पना सोरेन की मौजूदगी से सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, सत्ताधारी दल के विधायकों की मीटिंग में परिवार के किसी ऐसे सदस्य की मौजूदगी जो किसी पद पर नहीं हो, चर्चा की वजह बन रही है। कहा जा रहा है कि यदि मुख्यमंत्री को 31 जनवरी की पूछताछ के बाद हिरासत में लिया जाता है या निर्वाचन आयोग के लिफाफे के आधार पर उनकी सदस्यता रद्द की जाती है तो कल्पना सोरेन झारखंड में सीएम पद का अगला चेहरा होंगी। यह पहली बार नहीं है जब कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा है। इससे पहले जब 31 दिसंबर को गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दिया था, तब भी कल्पना सोरेन को राज्य का अगला सीएम बनाए जाने की चर्चा थी।
गांडेय विधायक के इस्तीफे से शुरू हुई थी अटकलें
डॉ. सरफराज अहमद के गांडेय विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद भी यही कयास लगाए जा रहे थे कि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए यह सीट खाली कराई गई है। दरअसल, इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि कल्पना सोरेन झारखंड की स्थानीय निवासी नहीं हैं। वह छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं। ऐसे में वह झारखँड में किसी आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं। चूंकि गांडेय विधानसभा सीट सामान्य सीट है, इसलिए वहां से उनको उपचुनाव लड़ाया जा सकता है। बता दें कि सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से वहां उपचुनाव कराने की मांग की थी।
मंगलवार दोपहर 1 बजे रांची पहुंचे हेमंत सोरेन
गौरतलब है कि सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री मंगलवार की दोपहर 1 बजे रांची पहुंचे। मुख्यमंत्री सीधा कांके रोड स्थित आवास पहुंचे जहां पहले से ही सत्ताधारी दल के विधायक मौजूद थे। इससे पहले विधायकों को सर्किट हाउस में रखा गया था। सीएम आवास में मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से मुलाकात और फिर छोटी सी मीटिंग हुई। फिर सभी विधायक मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका पहुंचे।