रांची:
भाजपा ने हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली सूबाई सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आज कहा कि राज्य की सरकार वित्तिय कुप्रबंधन की शिकार है। हेमन्त सरकार बार बार केंद्र पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रही है। केंद्र पर कर हस्तांतरण और सहायता अनुदान के झूठे आरोप लगाती रही है। जबकि रघुवर सरकार से भी ज्यादा हेमन्त सरकार को केंद्र सरकार से सहायता राशि मिली है। दीपक आज प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और रंजीत चन्द्रवंशी भी मौजूद थे।
दीपक ने रखे आंकड़े
दीपक प्रकाश ने कहा कि 2009 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने झारखंड को 35,998 करोड़ कर हस्तांतरण किया जबकि 21,069 करोड़ सहायता अनुदान दिया। इसके इतर 2014 से 2019 के बीच एनडीए की सरकार ने
झारखंड को 89,648 करोड़ कर हस्तांतरण किया जबकि 44,641 करोड़ सहायता अनुदान दिया। कुल मिलाकर देखे तो 2009 से 14 और 2014 से 19 के बीच 149.04% कर हस्तांतरण में बढ़ोतरी हुई, जबकि 111.88% सहायता अनुदान में वृद्धि हुई। जबकि 2019 से 2022 के बीच केंद्र सरकार ने झारखंड को 62,315 करोड़ कर हस्तांतरण किया और 45,362 करोड़ सहायता अनुदान दिया। औसतन प्रत्येक वर्ष देखा जाए तो 2009 से 14 में झारखंड को प्रत्येक वर्ष 7199.6 करोड़ जबकि 2014 से 19 में 17,929.6 करोड़ व 2019 से 22 के बीच 20,771.6 करोड़ कर हस्तांतरण किया गया। जबकि सहायता अनुदान के तहत 2009 से 14 में प्रत्येक वर्ष 4213.8 करोड़ जबकि 2014 से 19 में 8928.2 करोड़ व 2019 से 22 के बीच (लगभग दो गुना) 15,120.6 करोड़ सहायता अनुदान दिया गया। 2009 से 14 तक वित्त आयोग अनुदान से 5079 करोड़ जबकि 2014 से 19 तक 6963 करोड़ दिया गया। जो कि 2009 से 14 के तुलना में 2014 से 19 में 37% ज्यादा है। वहीं 2019 से 14 जनवरी 2022 तक 11,008 करोड़ रुपया आवंटित किया गया।
बजट के पैसे खर्च करने में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री असफल रहे
उन्होंने कहा कि बजट के पैसे खर्च करने में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री असफल रहे। झूठ का सहारा ले रहे हैं। कोरोना काल में भी हेमन्त सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया। अनाज सड़ते रहे पर जनता को बांटा भी नहीं गया।कोरोनकाल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवम्बर 20 तक और मई 2021 से अक्टूबर 21 के बीच लगभग 2 करोड़ 47 लाख लाभुकों के लिए 16,14,620 मीट्रिक टन अनाज व 44,593 MT दाल व चना आवंटित किया गया। वहीं 1,43,436 प्रवासी लाभुकों के लिए 1,776 MT अनाज व चना दिया गया। फिर भी कोरोनकाल में हेमन्त सरकार की नेतृत्वविहीनता व लापरवाही के कारण लोगों को भूखे सोने को मजबूर होना पड़ा, भूख से मौत हुई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री झूठ के बल पर सरकार चला रहे हैं। प्रधानमंत्री का सपना है हर घर शुद्ध जल किन्तु जल जीवन मिशन में भी हेमन्त सरकार निकम्मी साबित हुई है। 10 फीसदी से भी कम लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। पैसे वापस चले गए। हेमन्त सरकार रोना रोने की छोड़ युद्धस्तर पर काम करे।
9 पिछड़े जिलों में झारखंड के जिले भी शामिल
प्रकाश ने कहा कि हेमन्त सरकार की विफलता का परिणाम है कि भारत में 9 पिछड़े जिलों में झारखंड के जिले शामिल हैं। अप्रैल से सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 375.20 करोड़ रुपया आवंटित किया गया। जबकि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 12,88,850 लाख लाभुकों को लाभ दिया गया। दो लाख रुपये का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत 84,58,602 लोगों को एनरोल किया गया है। वहीं अटल पेंसन योजना के तहत 9,77,043 सब्सक्राइबर को एनरोल किया गया है। जिन्हें 1 हजार से 5 हजार तक का पेंसन मिलता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 40,863.25 करोड़ स्वीकृत की गई राशि मे 39,476.41 करोड़ जारी किया गया। किन्तु 1387 करोड़ रुपया का लाभ जो छोटे व्यवसायियों को उपलब्ध कराया जा सकता था। वर्तमान की सरकार इसे उपलब्ध कराने में असफल रही। इसका अर्थ है कि 13,87,000 लोग इस लाभ को लेने से वंचित रह गए। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 2982 जिसमें मात्र 2584 करोड़ राशि जारी किया गया। मतलब हेमन्त सरकार स्वीकृत राशि में 398 करोड़ ₹ इस्तेमाल करने में विफल रही।